दूध व मिठाई विक्रेताओं को अपनी दुकानों का पंजीकरण करवाना जरूरी है। गैर पंजीकृत दुकानों पर जुर्माना लगाया जाएगा। कैथल के एडीसी दीपक बाबू लाल करवा ने कहा सभी खाद्य पदार्थ बनाने वाले प्रतिष्ठान फूड सेफ्टी मानकों का ध्यान रखें और खाद्य पदार्थो में किसी भी प्रकार की मिलावट आदि न करें। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण की देखरेख में प्रदेश में फूड सेफ्टी एक्ट लागू है।
एडीसी ने कहा कि चंद पैसों के लालच में खाद्य वस्तुओं में मिलावट करके किसी के जीवन से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। हमें स्वस्थ एवं स्वच्छ खाद्य पदार्थ ही तैयार करने चाहिए। मिलावट करना एक प्रकार कर अपराध है और ऐसा करने वालों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने दुकानदारों से आह्वान किया कि वह अपनी दुकानों पर गुणवत्ता का विशेष ख्याल रखें। कोई भी सामान निर्धारित वैद्यता के बाद ना बेचा जाए।
अतिरिक्त उपायुक्त दीपक बाबूलाल करवा ने बताया कि फूड सेफ्टी एक्ट के तहत दुकानदारों का लाइसेंस-रजिस्ट्रेशन जरुरी है। बिना लाइसेंस-रजिस्ट्रेशन के कोई भी दुकानदार कारोबार नहीं कर सकेगा। यदि वह अवैध रूप से कारोबार करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जिला प्रशासन भी आमजन से अपील करता है कि वे मिलावटी वस्तुओं से बचें और अपनी सुरक्षा के प्रति सतर्क रहें। उन्होंने बताया कि पिछले एक सप्ताह में एडीसी कोर्ट कैथल ने विभिन्न केसों में सुनवाई करते हुए 40 केसों में 4 लाख 88 हजार 990 रुपये का जुर्माना लगाया।