रोहतक। माता दरवाजा स्थित संकट मोचन मंदिर में ब्रह्मलीन गुरुमां साध्वी गायत्री के सानिध्य में ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को शनि जन्मोत्सव पर वीरवार को हवन, कीर्तन और सत्संग का आयोजन हुआ। गद्दीनशीन साध्वी मानेश्वरी देवी और भक्तों ने हवन में आहूति की सामग्री डालकर व पूजा अर्चना करके सुख समृद्धि की मंगल कामनाएं की। पंडित अशोक शर्मा द्वारा प्रसाद वितरित हुआ। यह जानकारी सचिव गुलशन भाटिया ने दी।
हवन से मानव ग्रह दोष से मुक्ति पाता है : साध्वी मानेश्वरी देवी
साध्वी मानेश्वरी देवी ने बताया कि हवन कराने से देवी-देवताओं का आशीर्वाद आपके परिवार पर बना रहता है और इससे पूजा सफल होती है और मानव के ग्रह दोष दूर होते हैं। इससे हमें आसपास मौजूद नाकारत्मक ऊर्जा समाप्त होती है। साथ ही वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। हवन से जो धुंआ निकलता है उससे वातावरण शुद्ध होता है। वहीं हवन में प्रयोग की जाने वाली सामग्री जैसे कपूर, लौंग, आम की लकड़ी, घी, अक्षत, गोबर के कंडे आदि से हानिकारक जीवाणु नष्ट होते हैं। प्राचीन काल में तो रोगी को स्वस्थ करने के लिए भी हवन किए जाते थे।
साध्वी मानेश्वरी देवी ने प्रवचन देते हुए बताया कि साथ ही आज ही के दिन वट सावित्री और शनि जन्मोत्सव पर्व भी है। उन्होंने कहा कि ज्येष्ठ अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान, तर्पण, पिंडदान, जप-तप, पूजन, दान आदि करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और परिजनों पर पितरों का आशीर्वाद सदैव बना रहता है और इस दिन पितरों ने नाम की पूजा व तर्पण करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। भारतीय संस्कृति के अनुसार किसी भी कार्य का शुभारंभ हवन यज्ञ के साथ किया जाता है। इससे वातावरण सहित मानसिक शुद्धि होती है।