Friday, November 1, 2024
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मृत पति के साथ 13 घंटे तक सफर करती रही पत्नी, पति को नींद में समझ मौत से रही बेखबर

Jhansi : अहमदाबाद से अयोध्या जा रही साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन में एक बेहद ही दर्दनाक हादसा हो गया। इस ट्रेन में यात्री एक शव के साथ सफर कर रहे लेकिन किसी को ये खबर नहीं थी कि उसकी मौत हो चुकी है। यहां तक साथ में मृतक के बच्चे और पत्नी भी थे लेकिन उन्हें भी नहीं पता था कि बीच रास्ते में ही बच्चों का पिता और जीवनसाथी इस तरह से साथ छोड़कर हमेशा के लिए चला जायेगा। जब इस मामले का खुलासा हुआ था ट्रेन के उस कोच में हंगामा मच गया जहां पर शव मौजूद था।

गुजरात के सूरत से मृतक युवक अपने बच्चों और पत्नी के साथ साबरमती एक्सप्रेस से अयोध्या जाने के लिए बैठा था। ये परिवार ट्रेन के स्लीपर कोच में यात्रा कर रहा था। यात्रा के दौरान युवक सो गया लेकिन वो ऐसा सोया कि फिर नहीं उठा। उसकी पत्नी समेत अन्य साथ में बैठे यात्रियों को लगा कि वो नींद में सो रहा है। लेकिन जब वो कई घंटों के बाद भी नहीं उठा तो साथ में यात्रा कर रहे साथी सुरेश को लग गया कि उसकी मौत हो चुकी है। लेकिन सुरेश ने दूसरों को इसकी जानकारी नहीं दी।

सुरेश ने बताया कि रामकुमार की पत्नी और बच्चे साथ थे इसलिए सफर के दौरान उन्हें कुछ नहीं बताया, क्योंकि ट्रेन में कोहराम मच जाता। उन्हें रामकुमार की मौत की कोई जानकारी नहीं थी। रात के साढ़े 8 बजे जब ट्रेन झांसी के वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन पहुंची तब जीआरपी की सहायता से रामकुमार के शव को ट्रेन से उतारा गया।  जहां पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

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मृतक रामकुमार की पत्नी प्रेमा ने रोते-रोते कहा कि 8 बजे जब मैं उठा रही थी तो वह बोल नहीं रहे थे। उनका शरीर गरम था इसलिए हम कुछ समझ नहीं आया। इसपर हमने सोचा कि वह सो रहे हैं लेकिन वह तो हमेशा के लिए सो गए।

वहीं रामकुमार के साथी सुरेश ने बताया कि रामकुमार भाई बीमार थे वह सूरत में गाड़ी चलाते थे और इस बीच उका एक्सीटेंट हो गया था  काफी दिखाया लेकिन ठीक नहीं हो पाए। इसलिए हम फैजाबाद लेकर जा रहे थे इस बीच  रास्ते में बातचीत करते-करते वह सो गए लेकिन कहां पर उनकी मौत हुई ये नहीं पता चल पाया।

फिर भी अंदाजा है कि शायद सुबह साढ़े सात बजे के करीब मौत हुई होगी लेकिन  रास्ते में डर के मारे किसी को नहीं बताया क्योंकि परिवार का रो-रो कर मुश्किल हो जाता और संभाला नहीं जाता।

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