Wednesday, June 18, 2025
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ट्रंप को भारत आने का न्योता: प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति के बीच टेलीफोन पर हुई 35 मिनट बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच टेलीफोन पर बात हुई। दोनों नेताओं ने कई मुद्दों पर करीब 35 मिनट बातचीत की।

राष्ट्रपति ट्रंप ने पीएम मोदी से पूछा कि क्या वे कनाडा से वापसी में अमेरिका रुक कर जा सकते हैं। पूर्व-निर्धारित कार्यक्रमों के कारण, प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी असमर्थता व्यक्त की। वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने QUAD की अगली बैठक के लिए राष्ट्रपति ट्रम्प को भारत यात्रा का निमंत्रण दिया। राष्ट्रपति ट्रम्प ने निमंत्रण स्वीकार करते हुए कहा कि वे भारत आने के लिए उत्सुक हैं।

विदेशी सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि मोदी और ट्रंप की मुलाकात G7 summit के दौरान होनी तय थी। राष्ट्रपति ट्रंप को जल्दी वापस अमेरिका लौटना पड़ा, जिसके कारण यह मुलाकात नहीं हो पाई। इसके बाद आज दोनों नेताओं की फोन पर बात हुई। बातचीत लगभग 35 मिनट चली।

ऑपरेशन सिंदूर के बारे में विस्तार से बात की

  • 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने फोन पर पीएम मोदी को शोक संवेदना प्रकट की थी। और आतंक के खिलाफ़ समर्थन व्यक्त किया था। उसके बाद दोनों लीडर्स की यह पहली बातचीत थी। इसलिए प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप से ऑपरेशन सिंदूर के बारे में विस्तार से बात की। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप को स्पष्ट रूप से कहा कि 22 अप्रैल के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने का अपना दृढ़ संकल्प पूरी दुनिया को बता दिया था।
  • प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 6-7 मई की रात को भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान occupied कश्मीर में सिर्फ़ आतंकी ठिकानों को ही निशाना बनाया था। साथ ही, भारत ने यह भी स्पष्ट कर दिया था, कि पाकिस्तान की गोली का जवाब भारत गोले से देगा।
  • 9 मई की रात को उपराष्ट्रपति वेंस नेपीएम मोदी को फोन किया था। उपराष्ट्रपति Vance ने कहा था कि पाकिस्तान भारत पर बड़ा हमला कर सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें साफ़ शब्दों में बताया था कि यदि ऐसा होता है, तो भारत पाकिस्तान को उससे भी बड़ा जवाब देगा।
  • 9-10 मई की रात को पाकिस्तान के हमले का भारत ने बहुत सशक्त जवाब दिया, और पाकिस्तान की सेना को बहुत नुकसान पहुंचाया। उसके मिलिटरी एयरबेसस को inoperable बना दिया। भारत के मुहतोड़ जवाब के कारण पाकिस्तान को भारत से सैन्य कारवाई रोकने का आग्रह करना पड़ा।
  • प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप को स्पष्ट रूप से कहा कि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान कभी भी, किसी भी स्तर पर, भारत-अमेरिका ट्रेड डील या अमरीका द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता जैसे विषयों पर बात नहीं हुई थी। सैन्य कारवाई रोकने की बात सीधे भारत और पाकिस्तान के बीच, दोनों सेनाओं की existing channels के माध्यम से हुई थी, और पाकिस्तान के ही आग्रह पर हुई थी।

भारत ने न तो कभी मध्यस्थता स्वीकार की थी, न करता है

प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा कि भारत ने न तो कभी मध्यस्थता स्वीकार की थी, न करता है, और न ही कभी करेगा। इस विषय पर भारत में पूर्ण रूप से राजनैतिक एकमत है। राष्ट्रपति ट्रम्प ने प्रधानमंत्री द्वारा विस्तार में बताई गई बातों को समझा और आतंकवाद के खिलाफ भारत की लडाई के प्रति समर्थन व्यक्त किया। प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि भारत अब आतंकवाद को proxy war नहीं, युद्ध के रूप में ही देखता है, और भारत का ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है।

इजरायल-ईरान के बीच चल रहे संघर्ष पर भी चर्चा की

राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी ने इजरायल-ईरान के बीच चल रहे संघर्ष पर भी चर्चा की। रूस-यूक्रेन conflict पर दोनों ने सहमति जतायी कि जल्द से जल्द शांति के लिए, दोनों पक्षों में सीधी बातचीत आवश्यक है, और इसके लिए प्रयास करते रहना चाहिए। indo-pacific क्षेत्र के संबंध में दोनों नेताओ ने अपने परिपेक्ष साझा किये। और इस क्षेत्र में QUAD की अहम भूमिका के प्रति समर्थन जताया।

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