कुरुक्षेत्र : बनारस के शिल्पकार अकील अहमद का अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के साथ 25 सालों का नाता रहा है। इस महोत्सव में लगातार आ रहे है और महोत्सव में आने वाली महिलाओं के लिए बनारसी सूट, साड़ी और दुपट्टे तैयार करके लाते है। इस महोत्सव से लगाव होने के कारण हर वर्ष बेसब्री के साथ इंतजार करते है।
शिल्पकार अकील अहमद ने अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव-2025 में ब्रह्मसरोवर के उत्तर-पूर्वी छोर पर स्टॉल नंबर 91 लगाया है। इस महोत्सव में आने वाले पर्यटकों खासकर महिलाओं के लिए बनारसी सूट, साड़ी और दुपट्टे तैयार करके लाए है। उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केंद्र पटियाला की तरफ से देश के हर शिल्प मेले में आमंत्रित किया जाता है, वो अपनी शिल्पकला को लेकर केवल मेलों में ही जाते है। उनकी कहीं पर भी कोई अपनी निजी दुकान नहीं है।
इन मेलों के बाद उनके पास जो भी समय बचता है, उस समय में अपनी खड्डिïयों से सूट, साड़ी और दुपट्टे तैयार करते है। इस शिल्पकला में उनके परिवारों के कई सदस्य लगे हुए है, सभी बनारसी साड़ी, सूट व दुपट्टे बनाने का कार्य करते है।
उन्होंने कहा कि उनका यह कार्य पुश्तैनी है। इसलिए इस शिल्पकला से उनके परिवारों का पालन-पोषण भी सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है। सभी सदस्य मेलों में पर्यटकों की मांग को पूरा करने के लिए सूट, साड़ी तैयार करते है।
इस महोत्सव में साड़ी की कीमत 1500 से लेकर 10 हजार रुपए, सूट की कीमत 1000 रुपए से लेकर 4 हजार रुपए तक और दुपट्टों की कीमत 500 रुपए से लेकर 1 हजार रुपए तक रखी हुई है। उन्होंने प्रशासन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि महोत्सव में शिल्पकारों को हर प्रकार सुविधा प्रदान की गई है।

