भारत ने नवंबर 2023 में अपने कुल गैर-जीवाश्म ईंधन स्थापित क्षमता में 14.2% की बढ़ोतरी के साथ 213.70 गीगावाट तक पहुंचने की घोषणा की। यह पिछले साल नवंबर में 187.05 गीगावाट से अधिक है और देश के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाता है। नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) के अनुसार, इस वृद्धि ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों की दिशा में भारत की मजबूत प्रतिबद्धता को उजागर किया है।
इस समय, कुल गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता, जिसमें स्थापित और पाइपलाइन परियोजनाएं दोनों शामिल हैं, 472.90 गीगावाट तक पहुंच गई है, जो पिछले वर्ष के 368.15 गीगावाट से 28.5% अधिक है। वित्त वर्ष 2024-25 में नवंबर 2024 तक 14.94 गीगावाट नई नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता जोड़ी गई, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में जोड़ी गई 7.54 गीगावाट से लगभग दोगुना है। अकेले नवंबर 2024 में 2.3 गीगावाट की नई क्षमता जोड़ी गई, जो पिछले साल की तुलना में चार गुना अधिक है।
भारत के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में सौर और पवन ऊर्जा के साथ-साथ जैव ऊर्जा और जलविद्युत परियोजनाओं में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। सौर ऊर्जा ने 2023 में 72.31 गीगावाट से बढ़कर 2024 में 94.17 गीगावाट तक पहुँचने के साथ 30.2% की वृद्धि की। पवन ऊर्जा में भी 7.6% की वृद्धि देखी गई, जिससे इसकी स्थापित क्षमता 44.56 गीगावाट से बढ़कर 47.96 गीगावाट हो गई।