भारत जल्द ही एक नया Generative AI मॉडल लॉन्च करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है, जो न केवल चीनी स्टार्टअप डीपसीक और ओपनएआई के चैटजीपीटी से मुकाबला करेगा, बल्कि भारतीय संदर्भ और संस्कृति को भी ध्यान में रखेगा। केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उत्कर्ष ओडिशा कॉन्क्लेव में इस घोषणा को किया कि अगले 10 महीनों में भारत का बड़ा लैंग्वेज मॉडल (LLM) तैयार हो जाएगा।
भारत का यह एआई मॉडल विशेष रूप से भारतीय भाषाओं और संस्कृति को प्राथमिकता देगा, ताकि इसे भारतीय उपयोगकर्ताओं के लिए और भी अधिक उपयोगी बनाया जा सके। इसके अलावा, यह डेटा सुरक्षा में भी मदद करेगा, जिससे भारतीय डेटा को विदेशी प्लेटफार्मों से बेहतर तरीके से सुरक्षित किया जा सकेगा। भारत के पास अब 10,000 जीपीयू (ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट) का इंफ्रास्ट्रक्चर है, और इसे बढ़ाकर 18,600 जीपीयू करने की योजना है, ताकि इस एआई मॉडल की ट्रेनिंग में कोई कमी न आए।
यह कदम भारत के लिए एआई विकास के मामले में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है। इस एआई मॉडल के आने से भारत को तकनीकी आत्मनिर्भरता प्राप्त हो सकती है और साथ ही यह देश के लिए एक बेहतर और सुरक्षित डिजिटल भविष्य की दिशा में एक अहम कदम होगा।