Friday, August 15, 2025
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Independence Day : प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले से अपना सबसे लंबा भाषण दिया, 103 मिनट संबोधित किया

Independence Day: 79वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को लाल किले से अपना सबसे लंबा भाषण दिया। उन्होंने देश काे 103 मिनट तक संबोधित किया। अपने संबोधन में भारत की आत्मनिर्भरता और परिवर्तन की यात्रा पर प्रकाश डाला।

प्रधानमंत्री ने कहा, आजादी का यह महापर्व 140 करोड़ संकल्पों का पर्व है। आजादी का यह पर्व सामूहिक सिद्धियों का, गौरव का पल है और हृदय उमंग से भरा हुआ है। देश एकता की भावना को निरंतर मजबूती दे रहा है।

पीएम ने  2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के दृढ़ संकल्प जैसे कई अन्य विषयों पर भविष्य की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस दिवाली तक अगली पीढ़ी के वस्तु और सेवाकर (जीएसटी) सुधारों को पेश करने की घोषणा की। इसका उद्देश्य दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर करों को कम करना है। उन्होंने कहा, ‘’सरकार अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार लाएगी, जिससे आम आदमी पर कर का बोझ कम होगा। यह आपके लिए दिवाली का तोहफा होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि इन सुधारों से नागरिकों को सीधे तौर पर लाभ मिले और आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिले।

भाषण की प्रमुख बातें और घोषणाएं:

कोई ब्लैकमेल नहीं, कोई समझौता नहीं:

प्रधानमंत्री मोदी ने पहलगाम हमले के बाद चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर की सराहना करते हुए इसे भारत की रणनीतिक स्वायत्तता का प्रदर्शन बताया। भारत में निर्मित हथियारों का इस्तेमाल करते हुए, इस ऑपरेशन ने आतंकवादी नेटवर्क और पाकिस्तान स्थित बुनियादी ढाँचे को ध्वस्त कर दिया, जिससे एक नए युग का संकेत मिला, जहाँ भारत अब विदेशी शर्तों पर परमाणु ब्लैकमेल या धमकियों को स्वीकार नहीं करेगा।

सिंधु जल संधि मुद्दा

प्रधानमंत्री मोदी स्पष्ट रूप से कहा: “भारत ने अब निर्णय ले लिया है कि खून और पानी एक साथ नहीं बहेंगे। लोगों को एहसास हो गया है कि सिंधु जल संधि अन्यायपूर्ण थी। सिंधु नदी प्रणाली के पानी से दुश्मन की जमीनों की सिंचाई होती रही, जबकि हमारे किसान कष्ट झेलते रहे।”

इस वक्तव्य ने इस बात की पुष्टि की कि भारत अब अपने राष्ट्रीय हितों से समझौता नहीं करेगा और इस अभियान ने स्वदेशी तकनीक और रक्षा प्रणालियों पर पूरी तरह से भरोसा करते हुए, तेज़ी से और निर्णायक रूप से कार्य करने की देश की क्षमता को रेखांकित किया।

आत्मनिर्भर भारत, तकनीक और उद्योग को मजबूत करना

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “दूसरों पर निर्भरता किसी राष्ट्र की स्वतंत्रता पर सवाल उठाती है। यह दुर्भाग्यपूर्ण होता है, जब निर्भरता एक आदत बन जाती है, एक खतरनाक आदत। इसलिए हमें आत्मनिर्भर बनने के लिए जागरूक और प्रतिबद्ध रहना चाहिए। आत्मनिर्भरता केवल निर्यात, आयात, रुपये या डॉलर के बारे में नहीं है। यह हमारी क्षमताओं, अपने पैरों पर खड़े होने की हमारी ताकत के बारे में है।”

  •  उन्होंने घोषणा की कि भारत 2025 तक अपनी पहली मेड-इन-इंडिया सेमीकंडक्टर चिप लॉन्च करेगा। देश परमाणु क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोल रहा है, जिससे ऊर्जा और प्रौद्योगिकी में अभूतपूर्व अवसर पैदा होंगे।
  •  उन्होंने प्रत्येक नागरिक, विशेषकर युवाओं से आग्रह किया कि वे जेट इंजन, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, उर्वरक और अन्य महत्वपूर्ण तकनीकों का स्वदेशी रूप से नवाचार और उत्पादन करके राष्ट्र निर्माण में भाग लें, जिससे एक ऐसे भविष्य का निर्माण हो, जहाँ भारत आत्मनिर्भर, शक्तिशाली और विश्व स्तर पर सम्मानित होता हो।
  •  प्रधानमंत्री मोदी ने भविष्य के लिए महत्वपूर्ण संसाधनों को सुरक्षित करने के लिए भारत द्वारा उठाए गए साहसिक कदमों पर भी प्रकाश डाला। राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन के माध्यम से, देश ऊर्जा, उद्योग और रक्षा के लिए आवश्यक खनिजों तक पहुँच सुनिश्चित करने के लिए 1,200 स्थलों का अन्वेषण कर रहा है।
  • उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि इन खनिजों पर नियंत्रण भारत की रणनीतिक स्वायत्तता को मजबूत करता है, जिससे इसके औद्योगिक और रक्षा क्षेत्र वास्तव में आत्मनिर्भर होते हैं। इसके पूरक के रूप में, राष्ट्रीय डीपवाटर अन्वेषण मिशन भारत के अपतटीय ऊर्जा संसाधनों का दोहन करेगा, जिससे ऊर्जा आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा और विदेशी ईंधन आयात पर निर्भरता कम होगी। यह पूरी तरह से स्वतंत्र और शक्तिशाली भारत की ओर एक और कदम है।
  • प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र से दवाओं और नवाचार में आत्मनिर्भरता हासिल करने का आग्रह किया और “दुनिया की फार्मेसी” के रूप में भारत की ताकत पर प्रकाश डाला। उन्होंने पूछा, “क्या हमें मानवता के कल्याण के लिए सर्वोत्तम और सबसे सस्ती दवाइयां उपलब्ध कराने वाला देश नहीं होना चाहिए?”
  • उन्होंने घरेलू दवा नवाचार में भारत की बढ़ती क्षमता और पूरी तरह से भारत में ही नई दवाओं, टीकों और जीवन रक्षक उपचारों को विकसित करने की तत्काल आवश्यकता पर ज़ोर दिया। भारत के कोविड-19 से मुकाबले से प्रेरणा लेते हुए, जहाँ स्वदेशी टीकों और कोविन जैसे प्लेटफार्मों ने दुनिया भर में लाखों लोगों की जान बचाई, उन्होंने देश से नवाचार की इस भावना का विस्तार करने का आह्वान किया।
  •  उन्होंने शोधकर्ताओं और उद्यमियों से नई दवाओं और चिकित्सा तकनीकों के लिए पेटेंट हासिल करने का आग्रह किया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि भारत न केवल अपनी स्वास्थ्य सेवा आवश्यकताओं को पूरा करता है, बल्कि चिकित्सा आत्मनिर्भरता और नवाचार का एक वैश्विक केंद्र भी बन रहा है। यह विज्ञान, प्रौद्योगिकी और मानव कल्याण में अग्रणी होने की देश की क्षमता को प्रदर्शित करेगा।

मिशन सुदर्शन चक्र, रणनीतिक रक्षा को बढ़ावा

भारत की आक्रामक और निवारक क्षमताओं को मजबूत करने के लिए, प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और पौराणिक विरासत से प्रेरणा लेते हुए मिशन सुदर्शन चक्र का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा, “भारत दुश्मनों द्वारा हम पर हमला करने के किसी भी प्रयास को विफल करने हेतु एक शक्तिशाली हथियार प्रणाली बनाने के लिए मिशन सुदर्शन चक्र की शुरुआत कर रहा है।”

यह पहल भारत की रणनीतिक स्वायत्तता को सुदृढ़ करते हुए, तीव्र, सटीक और शक्तिशाली रक्षा कार्रवाइयों को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन की गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, “2035 तक सभी सार्वजनिक स्थानों को एक विस्तारित राष्ट्रव्यापी सुरक्षा कवच द्वारा सुरक्षित किया जाएगा,” जो देश के लिए व्यापक सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए आत्मनिर्भर रक्षा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करेगा।

अगली पीढ़ी के सुधार

  •  प्रधानमंत्री मोदी ने अगली पीढ़ी के आर्थिक सुधारों के लिए एक कार्य बल के गठन की घोषणा की, जिसका उद्देश्य आर्थिक गतिविधियों को नियंत्रित करने वाले कानूनों, नियमों और प्रक्रियाओं में व्यापक बदलाव करना है।
  • उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि सरकार पहले ही 40,000 से अधिक अनावश्यक अनुपालन और 1,500 पुराने कानूनों को समाप्त कर चुकी है और इस संसदीय सत्र में, 280 से अधिक प्रावधानों को हटा दिया गया है। दिवाली तक अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों से दैनिक आवश्यक वस्तुओं पर टैक्स कम होंगे, जिससे एमएसएमई, स्थानीय विक्रेताओं और उपभोक्ताओं को लाभ होगा, साथ ही आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और एक अधिक कार्यकुशल, नागरिक-अनुकूल अर्थव्यवस्था का निर्माण होगा।

 पीएम विकसित भारत रोजगार योजना, युवाओं का सशक्तिकरण

  • प्रधानमंत्री मोदी ने पीएम विकसित भारत रोजगार योजना की शुरुआत की, जो 1 लाख करोड़ रुपये की रोजगार योजना है तथा जिसके तहत नए नौकरी पाने वाले युवाओं को 15,000 रुपये मिलेंगे। इस योजना के तहत 3 करोड़ युवा भारतीयों का लक्ष्य रखा गया है।
  • उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि यह पहल भारत की जनसांख्यिकीय क्षमता को वास्तविक आर्थिक और सामाजिक समृद्धि में बदल देगी, स्वतंत्र भारत से समृद्ध भारत तक के सेतु को मजबूत करेगी और युवाओं को देश की प्रगति और विकास में सक्रिय योगदान देने के लिए सशक्त बनाएगी।

ऊर्जा और परमाणु आत्मनिर्भरता

  • प्रधानमंत्री मोदी ने भविष्य के लिए महत्वपूर्ण संसाधनों को सुरक्षित करने के संदर्भ में भारत के साहसिक कदमों पर भी प्रकाश डाला। राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन के माध्यम से, देश ऊर्जा, उद्योग और रक्षा हेतु आवश्यक खनिजों तक पहुँच सुनिश्चित करने के लिए 1,200 स्थलों का अन्वेषण कर रहा है।
  •  उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि इन खनिजों पर नियंत्रण भारत की रणनीतिक स्वायत्तता को मजबूत करता है और औद्योगिक और रक्षा क्षेत्रों को पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनाता है। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय गहन जल अन्वेषण मिशन से भारत के अपतटीय ऊर्जा संसाधनों का उपयोग होगा, विदेशी ईंधन आयात पर निर्भरता कम होगी और ऊर्जा आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा। यह पूरी तरह से स्वतंत्र और शक्तिशाली भारत की ओर एक और कदम है।
  •  स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की उल्लेखनीय उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश 2025 में अपने 50% स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्य को निर्धारित समय से पाँच साल पहले ही प्राप्त कर चुका है।
  • उन्होंने 2047 तक भारत की परमाणु ऊर्जा उत्पादन क्षमता को दस गुना बढ़ाने की योजना की भी घोषणा की। इस योजना के तहत 10 नए परमाणु रिएक्टर निर्माणाधीन हैं, जिससे ऊर्जा सुरक्षा और सतत विकास सुनिश्चित होगा। उन्होंने आगे कहा कि यदि भारत ऊर्जा आयात पर निर्भर न होता, तो बची धनराशि का उपयोग किसानों के कल्याण के लिए किया जा सकता था, जिससे देश की समृद्धि का आधार और मजबूत होता।

उच्च-स्तरीय जनसांख्यिकी मिशन, राष्ट्रीय अखंडता की रक्षा

  • प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की जनसांख्यिकीय अखंडता की रक्षा के महत्व का भी उल्लेख किया। उन्होंने अवैध घुसपैठ से उत्पन्न चुनौतियों के प्रति आगाह किया और सीमावर्ती क्षेत्रों तथा नागरिकों की आजीविका की रक्षा की आवश्यकता पर बल दिया। इन चिंताओं के समाधान के लिए, उन्होंने उच्च-स्तरीय जनसांख्यिकी मिशन की घोषणा की, जिसका उद्देश्य भारत की एकता, अखंडता और सुरक्षा सुनिश्चित करना तथा रणनीतिक और सामाजिक, दोनों चुनौतियों से निपटना है।
  • भविष्य के बारे में, प्रधानमंत्री मोदी ने विकसित भारत 2047 के लिए अपने विज़न को रेखांकित किया और इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत की प्रगति आत्मनिर्भरता, नवाचार और नागरिक सशक्तिकरण पर आधारित है।
  • उन्होंने नागरिकों को याद दिलाया कि भारत की शक्ति उसके लोगों, नवाचार और आत्मनिर्भरता के प्रति कटिबद्धता में निहित है। उन्होंने प्रत्येक भारतीय से राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का आग्रह किया, चाहे वह भारत में निर्मित उत्पाद खरीदकर हो या वैज्ञानिक, तकनीकी और उद्यमशीलता के उपक्रमों में भाग लेकर हो, ताकि देश की स्वतंत्रता की शताब्दी तक एक समृद्ध, शक्तिशाली और विकसित भारत सुनिश्चित हो सके।

अंतरिक्ष क्षेत्र में स्वतंत्रता, अग्रणी नवाचार

  • प्रधानमंत्री मोदी ने अंतरिक्ष विज्ञान में भारत की बढ़ती क्षमता पर प्रकाश डाला। गगनयान मिशन की सफलता के बाद, भारत अपने अंतरिक्ष स्टेशन की तैयारी कर रहा है। 300 से ज़्यादा स्टार्टअप अब उपग्रह प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष अन्वेषण और अत्याधुनिक अनुसंधान में नवाचार कर रहे हैं, जो दर्शाता है कि भारत न केवल वैश्विक अंतरिक्ष क्षेत्र में भाग ले रहा है, बल्कि स्वदेशी समाधानों के साथ अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
  •  किसान, भारत की समृद्धि के आधार: प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की, “भारत उनके हितों से समझौता नहीं करेगा।” उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि वे किसानों और पशुपालकों से संबंधित किसी भी हानिकारक नीति के खिलाफ दीवार बनकर खड़े हैं और उनके अधिकारों और आजीविका की रक्षा कर रहे हैं।
  • उन्होंने कहा कि कृषि भारत के विकास की आधारशिला बनी हुई है, जहाँ भारत दूध, दालों और जूट के उत्पादन में पहले तथा चावल, गेहूँ, कपास, फलों और सब्जियों के उत्पादन में दूसरे स्थान पर है। कृषि निर्यात 4 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है, जो देश की वैश्विक प्रतिस्पर्धा क्षमता को दर्शाता है।
  • किसानों को और सशक्त बनाने के लिए, उन्होंने 100 पिछड़े कृषि जिलों के लिए प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना का शुभारंभ किया, जो प्रधानमंत्री-किसान, सिंचाई योजनाओं और पशुधन संरक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से चल रहे समर्थन को और सुदृढ़ बनाती है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि भारत की समृद्धि का आधार मज़बूत और सुदृढ़ बना रहे।
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