रोहतक। PGI रोहतक हरियाणा का सबसे बड़ा चिकित्सा संस्थान है। यहां सिर्फ प्रदेश के ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों से भी मरीज आते हैं। पहले अटेंडेंट कम होने की वजह से मरीज को ब्लड मिलने में देरी हो जाती थी लेकिन अब पीजीआईएमएस के ट्रामा सेंटर के गंभीर मरीजों के लिए राहत भरी खबर है। अब उन्हें जरूरत पड़ने पर तुरंत रक्त मुहैया होगा। इसके लिए यहां नया ब्लड बैंक बनाने की मंजूरी मिल गई है। जल्दी ही यह ब्लड बैंक शुरू करने की तैयारी है।
गौरतलब है कि ट्रामा सेंटर में रोजाना 100 से ज्यादा मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। इनमें ज्यादातर सड़क हादसों या अन्य कारणों से घायल मरीज होते हैं। इन मरीजों को रक्त की जरूरत भी पड़ती है। इसके लिए मरीज के सहायकों को करीब दो सौ मीटर दूर संस्थान के पुराने भवन में बने माॅडल ब्लड बैंक में जाना पड़ता है। यहां भी ज्यादातर पैदल ही दौड़ लगती है। इस कारण मरीज को खून की तुरंत जरूरत होने पर परेशानी बढ़ जाती है। यही नहीं, एक मरीज के लिए दो-तीन बार ब्लड बैंक जाना पड़ सकता है। ऐसे में मरीज का एक सहायक केवल इसी काम में भटकता रहता है।
मरीजों की इस समस्या को देखते हुए ट्रामा सेंटर में नया ब्लड बैंक शुरू किया जा रहा है। इसकी मुख्यालय से मंजूरी मिल गई है। अब इन निर्देशों को अमलीजामा पहनाए जाने की तैयारी है। नए साल में ट्रामा सेंटर में यह ब्लड शुरू कर संस्थान मरीजों को राहत की बड़ी सौगात देगा। ट्रामा सेंटर में कई बार सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल मरीज पहुंचते हैं। इन्हें यहां तुरंत ब्लड की आवश्यकता होती है। यहां ब्लड बैंक बनने से उन्हें तुरंत रक्त मुहैया हो सकेगा, जिससे उनकी जान भी बचाई जा सकती है।
पीजीआईएमएस प्रोफेसर इंचार्ज डाॅ. वरुण अरोड़ा का कहना है कि पीजीआईएमएस के मॉडल ब्लड बैंक से रोजाना औसतन 250 यूनिट ब्लड की सप्लाई होती है। महिलाओं की डिलिवरी, सर्जरी और अन्य ऑपरेशन में इसकी जरूरत पड़ती है। यहीं से ट्रामा सेंटर, डेंगू-मलेरिया पीड़ितों या वायरल मरीजों के लिए प्लेटलेट्स की भी जरूरत पूरी होती है। ऐसे में ब्लड बैंक पर खासा लोड रहता है। इसके लिए रक्तदाता ही एकमात्र साधन होते हैं। इसी वजह से संस्थान के ट्रामा सेंटर में नया ब्लड बैंक बनाया जा रहा है। इसकी स्वीकृति मिल गई है। जल्दी ही ब्लड बैंक शुरू किया जाएगा। इससे मरीजों ब्लड की जरूरत पड़ने पर इधर-उधर नहीं भटकना होगा।