Kedarnath Yatra: केदारनाथ यात्रा में हर दिन नए-नए रिकॉर्ड बन रहे हैं. 22 दिनों की यात्रा में अब तक 5 लाख श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं. श्रद्धालुओं की यात्रा को सुगम बनाने के लिए प्रशासन की ओर से यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य, पेयजल और साफ-सफाई की उचित व्यवस्था की गई है. अगर आप भी केदारनाथ यात्रा पर जाने का प्लान बना रहे हैं तो कुछ खास बातों का जरुर ख्याल रखें. नहीं तो आपको यात्रा का पुण्य प्राप्त नहीं होगा या फिर आपको बिना दर्शन के ही वापस लौटना पड़ेगा.
Kedarnath Yatra: केदारनाथ यात्रा के दौरान अपने साथ ना ले जायें ये चीजें
नॉनवेज चीजें- केदारनाथ यात्रा पर जाते वक्त अपने साथ भूलकर भी अंडे, मछली और मांस सहित अन्य कोई भी नॉनवेज वस्तुएं लेकर ना जायें. केदारनाथ धार्मिक स्थल है. हिंदू धार्मिक स्थलों पर ये सभी चीजें निषेध है.
प्लास्टिक और पॉलिथीन पर प्रतिबंध जारी- केदारनाथ मंदिर प्राकृतिक सुंदरता का स्वर्ग है. पास में मंदाकिनी नदी, वासुकी ताल, चोरबारी ताल और गौरीकुंड हैं. आसपास की हिमालयी सुन्दरता मनमोहक दृश्य प्रस्तुत करती है. इस सुंदरता को बनाए रखने के लिए उत्तराखंड सरकार ने प्लास्टिक और पॉलिथीन पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसलिए इसे ले जाने से बचें.
नशीले पदार्थों पर प्रतिबंध- उत्तराखंड सरकार ने स्पष्ट आदेश जारी किए हैं कि केदारनाथ धाम मंदिर परिसर में अगर कोई भी शराब या नशीले पदार्थ के साथ पकड़ा गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इसलिए इन चीजों को अपने साथ ले जाने से बचें.
ड्रोन कैमरे पर प्रतिबंध- केदारनाथ मंदिर की प्राकृतिक सुंदरता को कैद करने के लिए कई लोग ड्रोन कैमरे लेकर आते हैं. लेकिन सरकार ने इस पर भी प्रतिबंध लगा दिया है. यदि आप ड्रोन ले जा रहे हैं तो आपको यात्रा शुरू करने से पहले अनुमति लेनी होगी.
अनावश्यक सामान ना ले जायें- केदारनाथ यात्रा एक कठिन यात्रा है. सुचारू यात्रा सुनिश्चित करने और असुविधा से बचने के लिए अनावश्यक चीजों से बचना चाहिए. आपको पहाड़ों में कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है. इसलिए अनावश्यक सामान न ले जाएं.
तेज खुशबू वाले परफ्यूम- केदारनाथ बाबा का मंदिर समुद्र तल से बहुत ऊंचाई पर स्थित है. जहां ऑक्सीजन की काफी कमी है. यहां पहुंचते ही लोगों को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. इसलिए, अपने साथ तेज गंध वाले परफ्यूम न रखें.
तेज आवाज वाले स्पीकर– केदारनाथ यात्रा एक धार्मिक तीर्थयात्रा है, जहां भोले बाबा के भक्त शांतिपूर्वक अपने प्रिय भगवान की पूजा करने जाते हैं. ऐसे समय में शांति बनाए रखने के लिए शोर करने वाले स्पीकर न रखें. जिससे दूसरों की पूजा में बाधा उत्पन्न हो.