Disadvantage of plastic bottle: आजकल ज्यादातर लोग प्लास्टिक की बोलतों में ही पानी पीते हैं. बहुत से लोग तो कोल्ड ड्रिंक और मिनरल वाटर की बोतल को यूज होने के बाद फेंकने के बजाय उसमें पानी रखकर बार-बार इस्तेमाल करते हैं. आपकी यही आदत आपको गंभीर बीमारियों की ओर ले जा सकती है.
प्लास्टिक की बोतल एक खास तरह के केमिकल से बनी होती है जो वक्त के साथ-साथ पानी में घुलने लगता है. जब हम इस बोतल में पानी को डालकर पीते हैं तो ये केमिकल पानी के जरिए हमारे शरीर में प्रवेश कर लेता है.
प्लास्टिक की बोतल में पानी पीने के नुकसान (Disadvantage of plastic bottle)
इम्युनिटी कमजोर- लंबे वक्त तक प्लास्टिक की बोतल में पानी पीने से शरीर की इम्युनिटी कमजोर होने लगती है.
कैंसर का खतरा- प्लास्टिक की बोतल में पानी पीने से प्लास्टिक में मौजूद केमिकल्स शरीर में धीरे-धीरे जमा होने लगते हैं. ये केमिकल्स शरीर में कैंसर का रुप धारण कर सकते हैं.
लीवर और किड़नी पर असर- प्लास्टिक की बोतल के माध्यम से निकलने वाले केमिकल्स लीवर और किड़नी को धीरे-धीरे कमजोर करने लगते हैं. जिसके बाद लीवर और किड़नी पहले की तरह काम नहीं कर पाते हैं.
डायबिटीज और हार्मोनल असंतुलित- प्लास्टिक में मौजूद विषैले तत्व शरीर के हार्मोनल संतुलन को बिगाड़ सकते हैं, जिससे डायबिटीज और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.
इन बोतलों में पानी पीना शरीर के लिए फायदेमंद
तांबे की बोतल- तांबे की बोतल में रखा पानी शुद्ध रहता है और इससे पाचन तंत्र मजबूत बनता है.
कांच की बोतल- कांच में कोई केमिकल नहीं होता है. इसमें रखा पानी शरीर के लिए फायदेमंद रहता है.
स्टील की बोतल- स्टील की बोतल में रखा पानी लंबे वक्त तक पानी को सुरक्षित रखता है.
मिट्टी की बोतल- मिट्टी की बोतल पानी को सुरक्षित रखती है. इसमें रखा पानी पीने से शरीर को कई लाभ मिलते हैं.