Holashtak : शुक्रवार 07 मार्च 2025 यानि की आज से होलाष्टक की शुरुआत हो चुकी है. होली से 8 दिवसीय अवधि होती है उसको होलाष्टक कहते हैं. होलाष्टक के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है. कहते हैं ये वक्त नकारात्मक ऊर्जाओं से भरा होता है.
होलाष्टक क्या होता है (Holashtak)
पौराणिक कथाओं के अनुसार, राक्षस राज हिरण्य कश्यप खुद को भगवान समझता था. वह अपने विष्णु भक्त पुत्र प्रहलाद को घोर यातनाएं देकर डराकर, धमकाकर अपने अधीन करना चाहता था. उसने प्रहलाद को आठ दिन घोर यातनाएं दीं. इसी अवधि को होलाष्टक कहा जाता है. यह फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी से शुरू होकर फाल्गुन मास की पूर्णिमा तक माना जाता है. होलाष्टक का अंत होलिका दहन के साथ हो जाता है.
होलाष्टक प्रारंभ और समाप्ति की तिथि
होलाष्टक आज यानि की 07 मार्च से शुरु हो रहा है और इसकी समाप्ति होली से एक दिन पहले 13 मार्च को होगी. होलाष्टक होलिका दहन के साथ समाप्त होती है, जो नकारात्मकता को समाप्त करने और रंगों के आनंदमय त्योहार की शुरुआत का प्रतीक है.
होलाष्टक के दौरान ना करें ये काम
होलाष्टक की अवधि में बाल और नाखून नहीं काटना चाहिए.
इस दौरान काले रंग के कपड़े भूलकर भी ना पहनें.
होलाष्टक में शुभ काम नहीं करना चाहिए.
इन 8 दिनों में कोई नया वाहन भी नहीं खरीना चाहिए.
वाहन के साथ-साथ इस समय में नई प्रोपर्टी, नया घर या दुकान आदि खरीदने से भी बचना चाहिए.
होलाष्टक के इस समय में तामसिक भोजन यानी नॉन वेजीटेरियन खाना खाने से भी परहेज करना चाहिए.
शेयर मार्केट में कोई नया इनवेस्टमेंट न करें. इस दौरान संयम से ही काम लें.
होलाष्टक के दौरान किसी भी अनजान व्यक्ति से न तो कोई चीज लें न खाएं. इस अवधि में नकारात्मक ऊर्जा काफी ज्यादा होती है. ऐसे में किसी की दी हुई चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए.