लखनऊ/कानपुर : उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) और आईआईटी कानपुर के एआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए।
इस करार का उद्देश्य औद्योगिक क्षेत्रों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीकों को लागू करना है, जिससे सुरक्षा, निगरानी, संचालन और स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाया जा सके।
समझौते के प्रमुख बिंदु
1. औद्योगिक क्षेत्रों में सुरक्षा होगी और मजबूत
एआई आधारित निगरानी प्रणाली और मशीन लर्निंग एल्गोरिदम से रीयल-टाइम डेटा का विश्लेषण होगा, जिससे संभावित खतरों की पहचान कर सुरक्षा को और मजबूत किया जाएगा।
2. इंफ्रास्ट्रक्चर की निगरानी और रखरखाव में सुधार
औद्योगिक क्षेत्रों की अधोसंरचना की भविष्यसूचक निगरानी के लिए आईओटी सेंसर और एआई तकनीकों का उपयोग किया जाएगा, जिससे संभावित खराबियों का पहले ही पता चल सकेगा।
3. डेटा-आधारित निर्णय लेने की प्रक्रिया होगी आसान
मशीन लर्निंग मॉडल्स के जरिए औद्योगिक क्षेत्रों के डेटा का गहन विश्लेषण किया जाएगा, जिससे संसाधनों का उचित उपयोग, परिचालन सुधार और रणनीतिक योजना बनाने में मदद मिलेगी।
4. परिचालन दक्षता और उत्पादकता में वृद्धि
एआई तकनीकों के माध्यम से स्वचालित प्रक्रियाओं को अपनाया जाएगा, जिससे लॉजिस्टिक्स, ऊर्जा प्रबंधन और आपूर्ति श्रृंखला संचालन को और अधिक कुशल बनाया जा सकेगा।
5. औद्योगिक विस्तार और स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास
यूपीसीडा औद्योगिक क्षेत्रों में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और सतत विनिर्माण तकनीकों को बढ़ावा देगा, जिससे स्मार्ट ग्रिड, कचरा प्रबंधन और बुद्धिमान यातायात प्रबंधन जैसी उन्नत सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
समझौते से होने वाले मुख्य लाभ
- स्मार्ट और सुरक्षित औद्योगिक क्षेत्र तैयार होंगे
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संचालन और रखरखाव में सुधार होगा
- औद्योगिक डेटा का विश्लेषण कर बेहतर निर्णय लिए जाएंगे
- स्वचालित प्रक्रियाओं से उत्पादन क्षमता और दक्षता बढ़ेगी
- उत्तर प्रदेश को एक अग्रणी औद्योगिक राज्य बनाने में मदद मिलेगी
डिजिटलीकरण को मिलेगी गति
इस अवसर पर यूपीसीडा के सीईओ मयूर महेश्वरी ने कहा, “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करके हम उत्तर प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों को अधिक स्मार्ट, सुरक्षित और कुशल बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। आईआईटी कानपुर के साथ यह सहयोग हमारे औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र में नवाचार और डिजिटलीकरण को नई गति देगा।