Saturday, May 18, 2024
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रोहतक में दुष्कर्म के बाद हुई रहस्यमयी मौत के मामले में हुई पुलिस जाँच से हाईकोर्ट नाराज, दिए ये आदेश

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महिला की सास ने आरोप लगाया था कि मकान मालिक और एक तांत्रिक, उसके और उसकी मृतका बहू के साथ बलात्कार कर रहा था जब वे उसके घर में किरायेदार के रूप में रह रहे थे।

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चंडीगढ़। रोहतक में महिला से दुष्कर्म और उसकी मौत के रहस्यमयी मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा पुलिस की जांच पर असंतोष जाहिर किया। न्यायधीश ने दुष्कर्म और हत्या मामले में हुई दोनों एफआईआर की जांच सीबीआई को सौंप दी है। कोर्ट ने इस मामले में दर्ज दोनों एफआईआर की जांच कर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का सीबीआई को आदेश दिया है।

हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए जमानत देने व हत्या के मामले में आरोप पत्र दाखिल करने को चुनौती दी गई। कोर्ट को बताया गया कि इस मामले में पहली एफआईआर अपहरण की दर्ज हुई थी। बाद में एक दूसरी एफआईआर दर्ज की गई थी। इसमें दुष्कर्म व हत्या की बाकी धाराएं जोड़ी गई थीं। दूसरी एफआईआर महिला की सास ने दर्ज करवाई थी।

2 जुलाई, 2022 को शिकायतकर्ता महिला ने आरोप लगाया था कि शमशेर उसके और उसकी बहू के साथ लगातार दुष्कर्म कर रहा था, जब वे उसके घर में किरायेदार के रूप में रहते थे। पीड़ित महिला और उसकी सास के साथ कथित तौर पर बलात्कार करने के आरोप में शमशेर के खिलाफ एक और मामला दर्ज किया गया था। जिस में महिला की सास का आरोप है कि शमशेर ने मृतका बहू को जहरीली गोलियां दी थीं, जिससे उसकी मौत हो गई।

इस मामले में ट्रायल के दौरान निचली अदालत को बताया गया कि पीड़िता को आरोपी ने जहर की गोली दी थी। जिसे खाकर उसकी मौत हो चुकी है। ट्रायल कोर्ट ने इस पर हैरानी जताते हुए कहा था कि कैसे एक पीड़िता की आप्रकृतिक मौत के 15 दिन बीत जाने के बावजूद जांच एजेंसी खामोश रही। अदालत जांच एजेंसी द्वारा की गई घटिया जांच के प्रति मूकदर्शक नहीं बनी रह सकती।

ट्रायल कोर्ट ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 328 (अपराध करने के इरादे से जहर आदि के माध्यम से चोट पहुंचाना) के तहत आरोप तय किए। ट्रायल कोर्ट ने दोनों मामले की एफआईआर को क्लब करने और संयुक्त ट्रायल करने का भी आदेश दिया था। इस मामले में आरोपी व्यक्तियों ने जमानत की मांग करने के साथ-साथ हत्या के लिए उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया।

मामले की सुनवाई पर पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने माना था कि मृत महिला की मौत के संबंध में दो अलग-अलग पक्ष सामने आए हैं। मामले की पूरी तरह से जांच करने के लिए एक स्वतंत्र जांच एजेंसी की सहायता की आवश्यकता है। हरियाणा सरकार की ओर से कहा गया कि मामले की जांच पूरी हो चुकी है, इसलिए अब जांच सीबीआई को सौंपने से कोई उपयोगी उद्देश्य पूरा नहीं होगा।

हाईकोर्टमें न्यायमूर्ति कौल ने दलील को खारिज करते हुए कहा कि, इस अदालत को वकील द्वारा की गई दलीलों में कोई तथ्य नहीं मिला है, खासकर तब जब राज्य द्वारा आज दायर किया गया जवाब संतोषजनक नहीं है और बल्कि टालमटोल करने वाला है। दूसरी ओर, सीबीआई के वकील राजीव आनंद ने कहा कि अगर अदालत उन्हें जांच सौंपती है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है कि दोनों एफआईआर का पूरा रिकॉर्ड सीबीआई को सौंप दिया जाए और सीबीआई इस मामले की जांच कर अगली सुनवाई तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे।

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