हरियाणा में सोमवार को रोहतक समेत कई जिलों में झमाझम बारिश हो रही है। लोगों को जगह-जगह जलभराव के कारण भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
मौसम विभाग के अनुसार अभी बारिश होने की संभावना बनी हुई है। 4 सितंबर तक हरियाणा दिल्ली-एनसीआर पर लगातार मानसून मेहरबान बना रहेगा इस दौरान कहीं-कहीं भारी बारिश होने की संभावना है
वहीं कुरुक्षेत्र के उपायुक्त एवं जिलाधीश विश्राम कुमार मीणा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में सभी नहर किनारों, नालियों,पुलों, रिंग बांध, रेल पटरियों, सडक़ों और पुलियों की सुरक्षा के लिए 24 घंटे निगरानी रखी जाएगी। इसके लिए गांव के व्यस्क पुरुष गांव में दिन और रात के समय में गश्त डयूटी करने के लिए उत्तरदायी होंगे। अहम पहलू यह है कि जल प्रभावित क्षेत्रों में आम नागरिक की सुरक्षा करना अधिकारी और कर्मचारी का प्रथम ध्येय होना चाहिए। उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा स्वयं देर रात्रि तक फील्ड में रहकर मारकंडा और अन्य नहरों पर नजर रख रहे है। उपायुक्त ने गांव कठवा, तंगौर सहित अन्य जलभराव वाले गांव और क्षेत्रों का दौरा करके लोगों से बातचीत की और अपने सामने लोगों को प्रशासन के टोल फ्री नंबर 01744-221035 पर फोन करवाकर सहायता की गुहार लगाई। इससे कन्ट्रोल रूम पर बैठे कर्मचारी के अर्लट होने की भी पुष्टि की गई। उपायुक्त ने कहा कि कन्ट्रोल रूम में कोई भी व्यक्ति फोन करके किसी प्रकार की सूचना दे सकता है और आपदा के लिए सहायता मांग सकता है। इस फोन कॉल पर तुरंत एक्शन होगा।
उन्होंने जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी कम परिवर्तन अधिकारी के पत्र के आधार पर आदेश जारी किए कि हरियाणा पंचायती राज अधिनियम 1994 के तहत गठित ग्राम पंचायतों के अधिनियम 1918 की धारा 4 के अनुसार रात्रि के समय गश्त सुनिश्चित करेगी। डीडीपीओ कम परिवर्तन अधिकारी जिला कुरुक्षेत्र के गांवों में नहरों के किनारों, नालों, बस अड्डे, रेलवे स्टेशनों, जल घरों और अन्य संवेदनशील स्थानों की व्यवस्था के लिए पुलों, रिंग रोड, सुरक्षा रोड, पुलिया, रेलवे ट्रैक, बिजली लाइनों, टेलीफोन लाइनों के लिए ग्राम पंचायतों के माध्यम से गश्त के नियमन को सुनिश्चित करवाएंगे। यह आदेश 30 सितंबर 2025 तक प्रभावित रहेंगे।
उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ की टीम गांव कठवा में लोगों की मदद करने के लिए पहुंच गई है और उन्होंने रस्सी के जरिए एक ग्रिल तैयार की है ताकि लोग इस रस्सी का सहारा लेकर सुरक्षित स्थान पर पहुंच सके। इस जिले के जलभराव एवं प्रभावित क्षेत्रों पर पैनी निगाहें रखने के लिए सम्बन्धित उपमंडल के एसडीएम को फील्ड में रहने के आदेश दिए है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को अलर्ट मोड में रहना होगा। इस विषय में किसी प्रकार की लापरवाही सहन नहीं की जाएगी।