रोहतक : महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी कुमारी दीपिका सैनी की अध्यक्षता में महिला सशक्तिकरण के लिए जिला केंद्र के तहत लिंग संवेदीकरण, स्वास्थ्य और स्वच्छता, डिजिटल साक्षरता, पोक्सो तथा जेजे एक्ट से सम्बंधित जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
उप सिविल सर्जन डॉ. सोनिया ने द्वारा स्वास्थ्य तथा स्वच्छता के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 10 से 13 वर्ष तक के बच्चों को व्यक्तिगत सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए। उन्होंने खान-पान का विषेश ध्यान रखने का सुझाव दिया ताकि शरीर में किसी प्रकार की कमी न हो।
एनजीओ से नरेन्द्र द्वारा घरेलू हिंसा के बारे में जानकारी दी गई, जिसके तहत उन्होंने घरों में होने वाली घटनाओं के बारे में बताया जैसे-घरों में पुरुषों द्वारा महिलाओं को गाली-गलौच करना, मार-पीट करना व अपशब्द बोलना घरेलू हिंसा का ही रुप है। इस बारे उन्होंने डॉक्यूमेन्टरी भी दिखाई।
संरक्षण अधिकारी करमिंदर कौर ने बाल विवाह के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि बाल विवाह एक कानूनी अपराध है। श्रीमती पूनम ने पोक्सो तथा जेजे एक्ट के तहत बाल उत्पीडऩ के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि माता-पिता को अपने बच्चों के प्रति अधिक जागरुक रहना चाहिए। उन्हें अपने बच्चों की हर गतिविधि पर ध्यान देना चाहिए ताकि बच्चा गलत राह की ओर न जाये जैसे-नशा करना, हत्या जैसे मामले आदि। यदि माता-पिता अपने बच्चों पर विशेष ध्यान देगें तो इससे देश में हो रहे अपराधों में कमी हो सकती है।
कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी योगेन्द्रा, डिम्पल, गायत्री, निर्मला, मंजू रानी, मिशन कोर्डिनेर, सविता, अकाउंट असिसटेंट, सभी सुपरवाइजर, रोहतक ग्रामीण से सभी आंगनवाडी वर्करों ने भाग लिया।