चंडीगढ़। हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने प्रदेश के सभी उपायुक्तों को निर्देश दिए है कि स्वामित्व योजना के तहत बनाई जाने वाली प्रॉपर्टी आईडी सही जांच-पड़ताल के बाद असली मालिक के नाम ही बनाएं, इसमें जो आपत्तियां आती हैं उनका पहले निवारण करें और इसके बाद ही रजिस्ट्री शुरू की जाएं। डिप्टी सीएम, जिनके पास राजस्व विभाग का प्रभार भी है, ने शुक्रवार को यहां चंडीगढ़ से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्वामित्व योजना बारे प्रदेश के सभी उपायुक्तों और मंडल आयुक्तों को दिशा-निर्देश दिए। बैठक में राज्य मंत्री अनूप धानक , राजस्व विभाग के वित्तायुक्त टीवीएसएन प्रसाद , विशेष सचिव आमना तसनीम, उपमुख्यमंत्री के ओएसडी कमलेश भादू समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि जिस प्रकार से करनाल जिला के सिरसी गांव में पूरे गांव की प्रॉपर्टी आईडी बनाई गई है, ठीक इसी प्रकार जिस भी गांव की प्रॉपर्टी आईडी बनाएं उस सम्पूर्ण गांव के सभी निवासियों की प्रॉपर्टी आईडी बननी चाहिए न कि चंद लोगों की बनाकर औपचारिकता करनी है। उन्होंने उपायुक्तों को निर्देश दिए कि वे पंचायत को साथ लेकर गांव के किसी सार्वजनिक स्थान पर प्रॉपर्टी आईडी समेत संबंधित गांव का नक्शा प्रदर्शित करें ताकि लोग आईडी में देख सकें कि उनकी प्रॉपर्टी उनके ही नाम है या नहीं ? अगर किसी को इसमें आपत्ति है तो जल्द से जल्द इसका निवारण किया जाए। दुष्यंत चौटाला ने अधिकारियों को प्रत्येक गांव का इस प्रकार का नक्शा विभाग की वेबसाइट पर अपलोड करने के भी निर्देश दिए ताकि प्रदेश या विदेशों में नौकरी-पेशा या व्यवसाय करने वाले भी अपनी प्रॉपर्टी आईडी को चेक कर सकें। उन्होंने इस संबंध में एसओपी बनाने के भी निर्देश दिए ताकि उपायुक्तों और जिला के अन्य अधिकारियों को कार्य में आसानी हो सके।
उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने अधिकारियों को मुख्यालय स्तर पर एक कंट्रोल रूम बनाने के भी निर्देश दिए ताकि प्रॉपर्टी आईडी बनाने के मामले में जिला स्तर के अधिकारियों को सहयोग दिया जा सके। उन्होंने बताया कि सरकार ऐसा सिस्टम तैयार करने जा रही है जिससे कि प्रॉपर्टी आईडी के मामले में विदेशों में रहने वाले लोगों की आने वाली शिकायतों की व्हाट्सएप या अन्य ऑनलाइन संसाधनों से सुनवाई की जा सके।
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने उपायुक्तों को जमीनों की खेवट के बंटवारे को भी पारदर्शी तरीके से करने के निर्देश दिए। उन्होंने एसडीएम और डीआरओ के माध्यम से की जाने वाली रजिस्ट्रियों के मामले में भी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उपमुख्यमंत्री ने उपायुक्तों को मासिक आधार पर इस बारे समीक्षा करने के भी निर्देश दिए।