हरियाणा के शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा (Mahipal Dhanda) ने कहा कि प्रदेश के उच्चतर शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों के लिए ‘इंटर्नशिप’ को अनिवार्य रूप से पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाए और इसमें पाठ्यक्रम उपरांत विद्यार्थियों के इंटर्नशिप प्रशिक्षण को लेकर किसी प्रकार का समझौता न किया जाये।
शिक्षा मंत्री शुक्रवार को महिपाल ढांडा जे.सी. बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद में ‘इंटर्नशिप अवसरों’ पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे। इस आयोजन को हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद (एचएसएचईसी) द्वारा विद्यार्थियों के लिए इंटर्नशिप अवसरों के लिए परस्पर सहयोग और संवाद को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया।
कार्यक्रम में हरियाणा के मुख्यमंत्री के ओएसडी राज नेहरू, हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. कैलाश चंद्र शर्मा, उपाध्यक्ष प्रो. एस.के. गखड़, जे.सी. बोस विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर और संबद्ध कॉलेजों के निदेशक-प्राचार्य शामिल रहे।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री ने प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से आह्वान किया कि वे विश्वविद्यालयों में ‘कुलपति’ पदनाम में बदलाव की पहल करें और ‘कुलपति’ के स्थान पर भारतीय परम्परा के अनुसार ‘कुलगुरु’ लिखना एवं उपयोग करना प्रारंभ करें।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा विश्वविद्यालय अधिनियम में आवश्यक संशोधन लाया जायेगा। विश्वविद्यालयों में ‘कुलपति’ पदनाम में बदलाव का प्रस्ताव भारतीय शिक्षण मंडल की ओर से अखिल भारतीय महामंत्री श्री सुनील शर्मा द्वारा रखा गया था।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में व्यावहारिक शिक्षा पर विशेष बल दिया गया है, ताकि हमारे विद्यार्थी वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हो सके।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य
उन्होंने प्रसन्नता जताई कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है। साथ ही, उन्होंने आह्वान किया कि सभी शिक्षकों नीति को इसमें निहित भाव के साथ लागू करें ताकि इसका पूरा लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि हरियाणा में छात्रों के लिए इंटर्नशिप को सरल तरीके से लाया जा रहा है, ताकि छात्र उद्योग के साथ-साथ अगर चाहे तो गांव में रह कर भी इंटर्नशिप कर सकें। इसके साथ ही, शिक्षकों का ध्यान रखना होगा कि कोई छात्र इंटर्नशिप का झूठा सर्टिफिकेट लेकर न आये।
सभी विश्वविद्यालय अप्रेंटिसशिप इंटीग्रेटेड डिग्री प्रोग्राम शुरू करें
कार्यशाला में यह भी चर्चा की गई कि सभी विश्वविद्यालय अप्रेंटिसशिप इंटीग्रेटेड डिग्री प्रोग्राम (एईडीपी) शुरू करें, जिसमें प्रोग्राम की पूरी अवधि के 50 प्रतिशत अवधि की अप्रेंटिसशिप संस्थान के साथ हो सकती है। इसके लिए बोर्ड ऑफ अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग (बीओएटी) के साथ या फिर इंस्टीट्यूट ऑफ अप्रेंटिसशिप के साथ समझौता करना चाहिए। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा इस वर्ष बीसीए, बीकॉम (प्रोफेशनल), बीएससी (इवेंट मैनेजमेंट), बीएससी (मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी) विषयों में एईडीपी शुरू किया जा रहा है।
कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर ने गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया तथा विश्वविद्यालय का परिचय प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि 1969 में इंडो-जर्मन परियोजना से तहत स्थापित यह संस्थान नवाचार, उत्कृष्टता और उद्योग-केंद्रित शिक्षा की दिशा में अग्रसर रहा है।