Monday, November 25, 2024
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रोहतक में केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल बोले – कुमारी सैलजा का अपमान हरियाणा की जनता कभी नहीं भूलेगी

रोहतक में प्रेसवार्ता के दौरान केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। इस दौरान उन्होंने आरक्षण खत्म करने के राहुल गांधी के बयान के पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि गांधी परिवार के मन में खोट है, इसलिए राहुल गांधी आरक्षण को खत्म करना चाहते हैं। मेघवाल ने कुमारी सैलजा के अपमान को लेकर हुड्डा और हुड्डा समर्थकों पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि भूपेन्द्र सिंह हुड्डा और उनके समर्थकों ने कुमारी सैलजा का जिस प्रकार से अपमान किया है, उसे हरियाणा की जनता कभी नहीं भूलेगी।

प्रेस वार्ता में केंद्रीय मंत्री के साथ पूर्व मंत्री लाल बनवारी लाल, पार्टी के अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष सत्य प्रकाश जरावता, मीडिया प्रमुख अरविंद सैनी, सहमीडिया प्रभारी शमशेर खरक सहित पार्टी के वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।

मेघवाल ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जिक्र करते हुए बताया कि इंदिरा गांधी के कार्यकाल में मंडल कमीशन का विषय आया और उसे इंदिरा ने ठंडे बस्ते में डाल दिया। आज राहुल गांधी ओबीसी हितैषी होने का दावा करते हैं, लेकिन इंदिरा गांधी ने उस समय ओबीसी आरक्षण से संबंधित रिपोर्ट को लागू नहीं किया था। अर्जुन राम मेघवाल ने आगे कहा कि जब पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह ने मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू की, तब राहुल गांधी के पिता राजीव गांधी ने 2 घंटे से अधिक समय तक लोकसभा में ओबीसी आरक्षण के विरोध में भाषण दिया था। मेघवाल ने याद दिलाया कि एक समाचार पत्र को दिए गए साक्षात्कार में राजीव गांधी ने कहा था कि वह आरक्षण के माध्यम से देश में मंदबुद्धि लोगों को पैदा नहीं करना चाहते हैं।

अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि गांधी परिवार के मन में ही खोट है, और वो देश से आरक्षण को हटाना चाहते हैं जो उन्होंने अमेरिका में भी कहा। राहुल गांधी पर जोरदार हमला करते हुए श्री मेघवाल ने कहा कि वह हमें बदनाम कर रहे थे कि अगर 2024 के चुनाव में बीजेपी जीत गई तो, हम आरक्षण को हटा देंगे।आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से हमारे नेताओं के बयानों को तोड़ मरोड़ कर जनता के बीच में पहुंचाया गया और ओबीसी समाज में भय फैलाया गया। देश में यदि आरक्षण के खिलाफ कोई है तो वह गांधी-नेहरू परिवार है। राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए श्री मेघवाल ने कहा कि राहुल जब लोकसभा में संविधान की किताब लाए थे, तब हमारी ओर से खड़े होकर कुछ लोगों ने उनसे पूछ लिया था कि इसमें अनुच्छेद कितने हैं, चैप्टर कितने हैं पर इनमें से किसी भी सवाल का राहुल गांधी जवाब नहीं दे पाए थे।

मेघवाल ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने देश के अलग-अलग मुख्यमंत्रियों को लिखकर बताया था कि वे आरक्षण की व्यवस्था को पसंद नहीं करते हैं। इसके अलावा जब 1951 में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने नेहरू मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया था, तो उसके कारणों में से एक कारण यह भी था कि नेहरू जी ने वादा करने के बाद भी ओबीसी कमीशन नहीं बनाया था। इसी प्रकार सन 1956 में काका कालेलकर कमीशन की रिपोर्ट को भी खारिज कर दिया गया था।

मेघवाल ने कहा कि आज राहुल गांधी संविधान में संशोधन की बात करते हैं, लेकिन वे यह भूल जाते हैं कि संविधान में सबसे अधिक संशोधन इंदिरा गांधी के कार्यकाल में हुआ, जब संविधान की आत्मा को बदल दिया गया। उस समय उन्होंने एक ऐसा संशोधन कर दिया जिसके अंतर्गत राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, और स्पीकर के चुनाव को कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकती। संविधान की प्रस्तावना में समाजवाद, और धर्मनिरपेक्षता शब्द संविधान निर्माताओं ने शामिल नहीं किए थे, लेकिन कांग्रेस ने संशोधन करके उसे भी बदल दिया। उस समय कांग्रेस ने संविधान की आत्मा को कुचल दिया था।

मेघवाल ने कहा कि जब संविधान पर चर्चा हो रही थी तब सदन में बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर ने अनुच्छेद-32 को हमारे संविधान की आत्मा बताया था, पर कांग्रेस ने बाबा साहेब का अपमान करते हुए उसे भी बदल दिया। श्री मेघवाल ने कहा कि संविधान का अपमान करना कांग्रेस की फितरत है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि भाजपा संविधान को न तो कभी समाप्त करेगी और न कभी समाप्त होने देगी। एससी, एसटी और ओबीसी का जो आरक्षण है वह हमेशा लागू रहेगा।

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