भिवानी : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड में शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के निर्देंशानुसार राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् के परख विभाग द्वारा एच.पी.सी. (Holistic Progress Card) व भारत में सभी बोर्डों की समतुल्यता (Equivalency of Boards in India) के संदर्भ में 30 दिसम्बर से 3 जनवरी, 2025 तक आयोजित होने वाली 5 दिवसीय कार्यशाला का आरम्भ किया गया।
यह जानकारी देते हुए बोर्ड प्रवक्ता ने बताया कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य शैक्षिक मूल्यांकन में मानकीकरण और सर्वोत्तम प्रथा को बढ़ावा देना है। एच.पी.सी. विद्यार्थियों के शैक्षणिक प्रदर्शन का मूल्यांकन करने का एक नया तरीका है। यह एक बहुआयामी रिपोर्ट है जो विद्यार्थी की प्रगति और उसकी दक्षता को दिखाती है। इसमें विद्यार्थी के शारीरिक, सामाजिक-भावनात्मक, साक्षरता, अध्ययन और दूसरे क्षेत्रों में उसकी उपलब्धियों को आकंलन करना है। यह कार्ड बच्चों का व्यापक मूल्यांकन करेगा। इस नई अवधारणा से मूल्यांकन प्रक्रिया में रचनात्मक समताएं, समस्या-समाधान, आत्म-जागरूकता और अन्य पहलुओं को शामिल किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इसका मूल उद्देश्य स्कूली छात्रों के बीच विभिन्न दक्षताओं को जोड़ना और विकसित करना है। शिक्षा के प्रति समग्र द्ष्टिकोण अपनाने का मतलब है बच्चें के विकास के सभी पहलुओं पर ध्यान केन्द्रित करना न कि केवल उसकी शैक्षिक प्रगति पर। यह एक व्यापक मूल्यांकन प्रणाली है जोकि छात्र के विकास और अधिगम के अनुभव के विभिन्न पहलुओं पर केन्द्रित है।
इस कार्यशाला को राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् के परख विभाग से शामिल हुए डॉ० पीयुष कमल व डॉ० जाहरा काजमी ने सम्बोधित किया तथा उक्त विषयों पर अपने अनुभव साझा किए। इस कार्यशाला में लगभग 40 अलग-अलग विषयों के विशेषज्ञों ने भाग लिया।