चंडीगढ़: हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग ने नगर परिषद जींद के मुख्य स्वच्छता निरीक्षक पर हरियाणा सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत तीन हजार रुपये का सांकेतिक दंड लगाया है। शिकायतकर्ता विपिन जैन द्वारा नगर परिषद जींद के अधीन निर्माण मलबा न उठाने के संबंध में ‘स्वच्छ हरियाणा’ ऐप पर शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिस पर समयबद्ध कार्रवाई नहीं की गई।
शिकायतकर्ता द्वारा अपील किए जाने पर मामला द्वितीय शिकायत निवारण प्राधिकारी के समक्ष गया, जहां सुनवाई 23 दिसंबर 2024 को हुई। शिकायत के अनुसार, मलबा लंबे समय तक स्थल पर पड़ा रहा और अधिकारियों द्वारा लापरवाही बरती गई।
आयोग के प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि जांच में यह स्पष्ट हुआ कि हरियाणा सेवा का अधिकार अधिनियम, 2014 के तहत निर्धारित 2 दिन की समयावधि में कार्य नहीं किया गया, जबकि मलबा 6 फरवरी 2025 को उठाया गया, जो कि काफी विलंब से हुआ। अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा शिकायत के समाधान में गंभीर लापरवाही बरती गई।
जांच में यह भी पाया गया कि प्रथम शिकायत निवारण प्राधिकारी और संबंधित विभाग के अधिकारियों ने समय पर कोई कार्रवाई नहीं की। इस कारण आयोग ने नगर परिषद जींद के स्वच्छता निरीक्षक को तीन हजार रुपये का सांकेतिक दंड लगाया है, जिसे उनके वेतन से काटकर सरकारी कोष में जमा किया जाएगा।
प्रथम शिकायत निवारण प्राधिकारी को चेतावनी जारी करते हुए उनका नाम आयोग के डेटाबेस में दर्ज किया गया है, और भविष्य में किसी भी लापरवाही की स्थिति में उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की जाएगी