Thursday, December 4, 2025
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हरियाणा में बांड-मुक्त कर्मचारियों के लिए नौकरी के आवेदन पर एनओसी की अनिवार्यता समाप्त

हरियाणा सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के त्यागपत्र और नौकरी आवेदन की प्रक्रिया से संबंधित निर्देशों को संशोधित और एकीकृत करते हुए महत्वपूर्ण प्रशासनिक सुधार जारी किए हैं। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी द्वारा इस संबंध में संशोधित दिशा-निर्देश इस विषय पर पूर्व में जारी सभी दिशा- निर्देशों का स्थान लेंगे।

राज्य सरकार ने बड़ा निर्णय लेते हुए उन सरकारी कर्मचारियों के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) लेने की अनिवार्यता समाप्त कर दी है, जिन्होंने कोई बांड निष्पादित नहीं किया है और हरियाणा सरकार के भीतर ही किसी अन्य पद के लिए आवेदन करना चाहते हैं। ऐसे कर्मचारी अब सीधे हरियाणा लोक सेवा आयोग और हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग जैसी भर्ती एजेंसियों को आवेदन कर सकेंगे। लेकिन इसके लिए उन्हें आवेदन की अंतिम तिथि से पहले अपने विभागाध्यक्ष को सूचित करना होगा। इस महत्वपूर्ण बदलाव से सेवा में कार्यरत उम्मीदवारों को नए अवसरों के लिए आवेदन करते समय अनावश्यक देरी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

राज्य सरकार ने पहली बार तकनीकी त्यागपत्र (टेक्निकल रेजिग्नेशन) की व्यवस्था भी शुरू की है। इसके तहत राज्य सरकार के भीतर किसी अन्य पद पर चयनित अस्थायी कर्मचारी बिना नोटिस पीरियड दिए या वेतन का भुगतान किए बिना नए पद पर जॉइन कर सकेंगे, बशर्ते वे बांड-मुक्त हों और किसी जांच का सामना न कर रहे हों। इससे विभागों के बीच कर्मचारियों का सुगम आवागमन सुनिश्चित होगा।

जिन कर्मचारियों ने बांड निष्पादित किया है, उन्हें आवेदन भेजने से पहले एनओसी लेना आवश्यक होगा। यदि कर्मचारी नए विभाग में बांड को जारी रखने के लिए तैयार है, तो विभाग शर्तों सहित एनओसी जारी कर सकता है। भर्ती एजेंसियों के माध्यम से नियुक्त अस्थायी कर्मचारी यदि बाद में राज्य के भीतर किसी अन्य पद पर चयनित होते हैं, तो उन्हें तकनीकी त्यागपत्र देना होगा और नोटिस अवधि तभी लागू होगी, जब आवेदन बिना अनिवार्य एनओसी के भेजा गया हो। स्थायी कर्मचारियों को चयन होने पर नियमों के अनुसार कार्यमुक्त किया जाएगा और उनका लियन सुरक्षित रहेगा।

हरियाणा के बाहर—संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, भारत सरकार या अन्य राज्य सरकारों में आवेदन करने वाले कर्मचारियों के लिए एनओसी लेना अनिवार्य होगा। यदि एनओसी नहीं लिया गया, तो एक माह का नोटिस देकर त्यागपत्र देना होगा और लियन सुरक्षित नहीं रहेगा।

भर्ती एजेंसियों को आवेदन की अग्रिम प्रति भेजना मान्य होगा और ऐसे आवेदन-पत्रों को वैध माना जाएगा, बशर्ते बाद में आवश्यकतानुसार एनओसी प्रस्तुत कर दी जाए। सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे आवेदन एक सप्ताह के भीतर अग्रेषित करें, अन्यथा संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। समयबद्ध प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए स्थापना शाखाओं द्वारा निगरानी की जाएगी।

नियमित कर्मचारियों के लिए एक माह का नोटिस या उसके बदले वेतन देना अनिवार्य रहेगा, केवल उन परिस्थितियों के जहां प्रावधान के अनुसार छूट दी गई है, जैसे तकनीकी त्यागपत्र, अंतर विभागीय समावेश या उस स्थिति में जब कर्मचारी के सेवा में आने से आवेदन पहले भेजा गया हो। संशोधित निर्देशों में नोटिस अवधि के दौरान अवकाश, त्यागपत्र वापस लेने, विशेष परिस्थितियों में पुनर्नियुक्ति, पूर्व सेवा के लाभ और चुनाव लड़ने वाले कर्मियों के लिए अनिवार्य त्यागपत्र से संबंधित प्रावधान भी स्पष्ट किए गए हैं। इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश वेबसाइट csharyana.gov.in पर देखे जा सकते हैं।

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