हरियाणा पुलिस ने साइबर अपराध में संलिप्त मोबाइल नंबरों को ब्लॉक करने में देशभर में पहला स्थान प्राप्त किया है। साइबर अपराध नियंत्रण को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर यह हरियाणा पुलिस की दूसरी बड़ी उपलब्धि है। राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल के अनुसार 1 जनवरी 2024 से 31 अप्रैल, 2024 तक देश भर में साइबर अपराध में शामिल कुल 5 लाख 46 हजार मोबाइल नंबर ब्लॉक किए गए जिनमें से 1 लाख 11 हजार मोबाइल नंबर हरियाणा पुलिस द्वारा बंद करवाए गए।
पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि साइबर अपराधियों द्वारा रोजाना नए-नए तरीके अपना कर लोगों को साइबर ठगी का शिकार बनाया जा रहा है। इसी कड़ी में हरियाणा पुलिस द्वारा 1 जनवरी से 31 मई,2024 तक अलग-2 क्षेत्रों से 1668 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। इनमें से लगभग 400 साइबर अपराधी हरियाणा राज्य से हैं जबकि लगभग 1200 साइबर अपराधियों को देशभर में साइबर अपराध के हॉटस्पॉट क्षेत्र जैसे असम, राजस्थान, झारखंड, उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों में रेड करके पकड़ा गया। हरियाणा पुलिस द्वारा देशभर में ऐसे 50 हॉटस्पॉट क्षेत्रों को सूचीबद्ध किया गया है।
टेलीकॉम कंपनियों के साथ बनाई प्रभावी रणनीति
कपूर ने बताया कि साइबर अपराध में इस्तेमाल होने वाले मोबाइल नंबरों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है क्योंकि साइबर अपराधियों द्वारा इन मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल करते हुए लोगों के साथ साइबर ठगी की जाती है। साइबर अपराध में शामिल इन नंबरों को बंद करवाने के लिए प्रभावी योजना बनाई गई। इन मोबाइल नंबरों को ब्लॉक करने को लेकर तीन प्रकार के एक्शन प्लान बनाए गए।
हरियाणा पुलिस द्वारा टेलीकॉम कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की गई और संदिग्ध मोबाइल नंबरों को बंद करवाने की कार्ययोजना तैयार की गई और 1,11,349 मोबाइल नंबर को ब्लॉक करवाया गया जो कि देशभर में सबसे अधिक है।
अकेले नूंह जिला में पकड़े 18 हजार 886 साइबर अपराधी
हरियाणा में हॉटस्पॉट क्षेत्रों की पहचान करते हुए उन्हें सूचीबद्ध किया गया जहां से साइबर फ्रॉड के सबसे अधिक फोन किए जाते हैं। प्राप्त सूची का विश्लेषण करने पर पाया गया कि हरियाणा के जिला नूंह से इस प्रकार के मामले सबसे अधिक रिपोर्ट किए जा रहे हैं। जिला नूह में सक्रिय साइबर अपराधियों द्वारा अन्य राज्यों से मोबाइल नंबर लाकर उनका इस्तेमाल साइबर फ्रॉड के लिए किया जा रहा है। हरियाणा पुलिस ने इस विशेष अभियान के तहत जिला नूह में 18,886 मोबाइल नंबरों को ब्लॉक करवाया। इसी दिशा में हरियाणा पुलिस द्वारा एयरटेल कंपनी के साथ पार्टनरशिप करते हुए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित समाधान विकसित करने पर भी काम किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि दूरसंचार विभाग के सहयोग से तैयार किए गए ‘अस्त्र‘ सॉफ्टवेयर के माध्यम से भी 4,96,562 मोबाइल नंबरों को ब्लॉक करवाया गया। इन मोबाइल नंबरों को जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करते हुए साइबर फ्रॉड में इस्तेमाल किया जा रहा था। ‘अस्त्र‘ नामक सॉफ्टवेयर के माध्यम से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तथा फेशियल रिकॉग्निशन टूल का इस्तेमाल करके इन मोबाइल नंबरों को ब्लॉक करवाने में सफलता प्राप्त की गई। हरियाणा पुलिस द्वारा साइबर अपराधियों की लोकेशन आदि संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी को संबंधित राज्यों के साथ भी साझा किया जाता है ताकि त्वरित कार्रवाई करते हुए साइबर अपराधियों की धरपकड़ की जा सके।
बड़े बैंक व हरियाणा पुलिस का एक्शन प्लान
उन्होंने बताया कि हरियाणा में 29 साइबर पुलिस थाने भी खोले गए जहां की अनुभवी व प्रशिक्षित टीमों द्वारा साइबर अपराधियों को पकड़ने के लिए हरियाणा सहित अन्य राज्यों में भी रेड की जाती है। इसी प्रकार, आई4सी में हरियाणा पुलिस के 4 अधिकारी तैनात किए गए जो देशभर के 20 बड़े बैंकों के साथ मिलकर साइबर फ्रॉड रोकने के लिए एक मंच पर कार्य कर रहे हैं। हरियाणा पुलिस की टीम के साथ वर्तमान में 9 बड़े बैंकों के 14 नोडल अधिकारी काम कर रहे हैं ताकि साइबर फ्रॉड होने पर त्वरित कार्रवाई करके राशि को बैंक खाते में फ्रिज किया जा सके।
कपूर ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि वे किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ बैंक खाता संबंधी निजी जानकारी जैसे ओटीपी, बैंक अकाउंट नंबर तथा आईएफएससी कोड आदि सांझा ना करें। साइबर फ्रॉड होने पर शुरुआती एक घंटे में हरियाणा पुलिस के हेल्पलाइन नंबर 1930 पर तुरंत संपर्क करें।