रोहतक बाल कल्याण समिति रोहतक में एक नवजात बच्ची को परित्यक्ता किया गया। पीजीआइएमएस रोहतक में हिसार से एक पोक्सो अधिनियम के तहत एक नाबालिग गर्भवती का मामला भेजा गया था, जिसमें उपचार के दौरान गर्भवती नाबालिग ने एक बच्ची को जन्म दिया।
परिजनों की सहमति से बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष एडवोकेट सतीश शर्मा व सदस्य उषा चावला, विकास अत्री के समक्ष बच्ची को सरेंडर करने की कार्रवाई पूर्ण करवाई गई।
इसके पश्चात समिति ने बच्ची को अपने अधिकार क्षेत्र में लेते हुए विशेष दत्तक ग्रहण एजेंसी चौधरी लखीराम में रखने के आदेश जारी कर दिए। अब संबंधित एजेंसी द्वारा ही बच्ची की देखरेख की जाएगी और समिति ने 60 दिन का समय नाम अनुसार संबंधित परिजनों को दिया है। यदि इस अवधि के दौरान हुए अपनी बच्ची को वापस लेना चाहते हैं, तो आवेदन करके निर्धारित प्रक्रिया के तहत वापस भी ले सकते हैं।
60 दिन पूर्ण होने के पश्चात संबंधित परिजनों का लड़की पर कोई भी अधिकार नहीं होगा और बच्ची को गॉड प्रक्रिया में डालते हुए लीगली फ्री फॉर एडॉप्शन घोषित कर दिया जाएगा।
जिलाधीश सचिन गुप्ता ने सभी आम नागरिकों से अपील की है कि यदि कोई माता-पिता किसी भी कारणवश अपने बच्चों का भरण पोषण करने में असमर्थ है, तो वह जिला विकास भवन के द्वितीय तल पर स्थित बाल कल्याण समिति के कार्यालय में संपर्क कर सकता है। उन्होंने आम नागरिकों से अपील करते हुए कहा है कि किसी भी दलाल के बहकावे में नए आए और निर्धारित प्रक्रिया के तहत ही बच्चा गोद लेने की कार्रवाई करें।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी कुलदीप सिंह ने बताया कि मामला समिति के संज्ञान में आया था। इसी के तहत बच्ची को बाल कल्याण समिति में प्रस्तुत करते हुए विशेष दत्तक ग्रहण एजेंसी में भेज दिया गया है, जहां पर बच्चों की देखरेख एजेंसी के द्वारा की जाएगी और निर्धारित अवधि के पूर्ण होने के पश्चात ही बच्चे को गोदनामा की प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा।