हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बुधवार को घोषणा करते हुए कहा कि प्रदेश में सहकारिता के क्षेत्र में पैक्स के लिए 15 लाख रुपए की लिमिट जीरो प्रतिशत पर दी जाएगी। यह लोन सहकारी बैंकों द्वारा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा 10 प्रतिशत का ब्याज राहत (Intrest subvention ) उन पैक्सों की दी जाएगी, जो समय पर ऋण का भुगतान करेंगी।
मुख्यमंत्री पंचकूला में मेगा कोऑपरेटिव कॉन्फ्रेंस में सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह भी उपस्थित थे।
नायब सिंह सैनी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ के मंत्र को आगे बढ़ाते हुए ‘राष्ट्रीय सहकारिता नीति-2025’ लागू की गई है। इसमें करोड़ों किसान, दुग्ध उत्पादक, ग्रामीण महिलाएं, कमजोर वर्गों को केन्द्र में रखा गया है। उन्होंने कहा कि वे विश्वास दिलाते हैं कि राष्ट्रीय सहकारिता नीति-2025 को हरियाणा में लागू करने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ेंगे।
राष्ट्रीय सहकारिता नीति-2025 को लागू करने में हरियाणा अग्रिम राज्यों में होगा। हमारी सरकार ने सहकारिता को एक नई दिशा, नई पहचान और ताकत देने का जो संकल्प लिया है वह आज भारत की कृषि, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और किसान कल्याण का मजबूत आधार बन रहा है।
केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह द्वारा प्रदेश के लिए आज कई सौगातें देने पर आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे प्रदेश में सहकारिता के क्षेत्र में विकास के नए आयाम खुलेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में वर्ष 2021 में देश में पहली बार सहकारिता मंत्रालय का गठन किया गया। यह केवल एक प्रशासनिक बदलाव नहीं था, बल्कि सहकारी संस्थाओं को नई दिशा और ऊर्जा देने का ऐतिहासिक कदम था।
उन्होंने कहा कि हमारे लिए सहकारिता कोई नई अवधारणा नहीं है। यह हमारी संस्कृति, हमारी परंपरा और हमारे सामाजिक जीवन का अभिन्न हिस्सा रही है। ‘एकता में शक्ति’ का सिद्धांत हमारे गांवों ने सदियों से अपनाया है। सहकारिता आज कृषि क्षेत्र में परिवर्तन की सबसे बड़ी ताकत बनकर उभरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में सहकारिता आंदोलन को मजबूती देकर हम विकसित भारत, विकसित हरियाणा की दिशा में तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि आज की इस कान्फ्रेंस का विषय भी ‘कृषि के सतत विकास में सहकारिता की भूमिका को और अधिक मजबूत करने में कारगर साबित होगी।

