Wednesday, December 11, 2024
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हरियाणा में 500 हाई-टेक सीएम-पैक्स केंद्र बनाए जाएंगे, किसानों मिलेगा प्रशिक्षण

चंडीगढ़ : हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने 15वीं विधानसभा के प्रथम सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों के सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए वर्तमान राज्य सरकार अत्याधुनिक 500 सी.एम. पैक्स स्थापित करेगी, जो किसानों को प्रशिक्षण, विपणन और वित्तीय सेवाओं के लिए वन स्टॉप सेंटर्स का कार्य करेंगे। इसके अलावा, कृषक समूहों और पैक्स को अनाज भण्डारण के लिए गोदाम बनाने हेतु एक करोड़ रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया जाएगा। सरकार किसान उत्पाद संघ-एफपीओ और पैक्स जैसे सहकारी संगठनों का एक बड़ा नेटवर्क बना रही है।

उन्होंने कहा कि हरियाणा कृषि प्रधान राज्य है, इसलिए किसान कल्याण सरकार की नीतियों के केन्द्र में है। किसानों के हितों में निर्णय लेते हुए सरकार ने कुछ दिन पहले ही अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे आबियाने को जड़ से खत्म किया है। इसके अलावा, हरियाणा देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है, जहां न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 24 फसलों की खरीद की जाती है। इस साल मानसून देरी से आने के कारण किसान को खरीफ फसलों की बिजाई के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाने पड़े। इससे फसल की लागत बढ़ी। इसमें राहत के लिए राज्य सरकार ने सभी खरीफ फसलों के लिए हर किसान को 2000 रुपये प्रति एकड़ बोनस दिया है। ऐसा हरियाणा के इतिहास में पहली बार हुआ है।

राज्यपाल ने कहा कि रबी सीजन-2023-24 में फसलों को प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान के लिए भी 49,000 किसानों को 133.75 करोड़ रुपये से अधिक की राशि मुआवजे के रूप में जारी की गई है। इसकी अलावा, सरकार ने किसानों को सीधा लाभ पहुंचाने के लिए ई-खरीद पोर्टल के माध्यम से 12 लाख किसानों के खातों में एम.एस.पी. पर फसल खरीद के 1 लाख 24 हजार करोड़ रुपये डाले हैं।

किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी आमदनी बढ़ाने के लिए बनाई जा रही नीतियां

बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की वर्तमान जरूरतों को देखते हुए प्रदेश की कृषि व्यवस्था में बदलाव कर रही है। हमारा किसान ज्यादा से ज्यादा आत्मनिर्भर हो और उसकी आमदनी बढ़े, इस सोच के साथ नीतियां बनाई जा रही हैं व अनेक निर्णय लिये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज नकली खाद, बीज व कीटनाशक कृषि क्षेत्र के लिए बड़ी चुनौती बन गये हैं। राज्य सरकार इन पर रोक लगाने के लिए कड़ा कानून बनाएगी और किसानों को शत-प्रतिशत मुआवजा देना भी सुनिश्चित करेगी।

राज्यपाल ने कहा कि सिंचाई जल की कमी को देखते हुए कम पानी में उगने वाली फसलों को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार धान की जगह अन्य फसल बोने या खेत खाली रखने पर भी किसानों को 10 हजार रुपये प्रति एकड़ की राशि देगी। उन्होंने कहा कि पानी की कमी आज एक विश्वव्यापी समस्या बन चुकी है। इसलिए सरकार पानी की एक-एक बूंद का इष्टतम उपयोग करने तथा वितरण में होने वाली पानी की बर्बादी को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए नहरों के बुनियादी ढांचे में सुधार जारी रखा जाएगा। सूक्ष्म सिंचाई, 19716  तालाबों के जीर्णोद्धार, गन्दे पानी के उपचार एवं प्रबंधन की नीतियां जारी रखी जाएंगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार रावी-ब्यास नदियों के पानी का अपना वैध भाग प्राप्त करने और सतलुज-यमुना लिंक नहर को पूरा करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। इन मामलों में निरंतर ठोस पैरवी की जा रही है।

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