रोहतक: पंडित भगवत दयाल शर्मा यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज रोहतक में (PGIMS) में MBBS परीक्षा में हुई गड़बड़ी से सबक लेते हुए परीक्षा प्रणाली को काफी अधिक सुदृढ़ बना दिया है ताकि भविष्य में किसी प्रकार की कोई भी गड़बड़ी होने की संभावना ना रहे। कुलपति डॉ एच के अग्रवाल के दिशा निर्देशन में विश्वविद्यालय द्वारा गोपनीयता को ध्यान में रखते हुए सभी जरूरी बदलाव किए गए हैं।
इसके बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कुलपति डॉ एच के अग्रवाल ने बताया कि पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय ने परीक्षा शाखा में हुई गड़बड़ी से सबक लेते हुए परीक्षा प्रणाली में काफी बदलाव किया गया है ताकि भविष्य में इस प्रकार की कोई भी पुनरावृति ना हो सके।
नवनियुक्त परीक्षा नियंत्रक डॉ सुखदेव चांदला को इस महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी सौंपकर कुलपति डॉ अग्रवाल ने परीक्षा शाखा के सभी कर्मचारियों को बदलते हुए वहां पर स्थाई कर्मचारियों की नियुक्ति कर दी है और सख्त हिदायत दी गई है कि भविष्य में भी परीक्षा शाखा में कोई भी अनुबंध का कर्मचारी नियुक्त नहीं किया जाएगा। डॉ अग्रवाल ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा डिजिटलीकरण पर जोर दिया जा रहा है, जिससे परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुरक्षा में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने बताया कि परीक्षा परिणाम को समय पर घोषित करने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा संस्थान में केंद्र बनाकर और यहीं पर एग्जामिनर से पेपर चेक करवाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसके लिए प्रतिदिन दर्जनों एग्जामिनर्स को विश्वविद्यालय में बुलाया जा रहा है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि विश्वविद्यालय भविष्य में परीक्षा नियंत्रक डॉ सुखदेव चांदला के दिशा निर्देशन में परीक्षा को गोपनीयता को ध्यान में रखते हुए कार्य करता रहेगा।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की अपनी एक गरिमा है जिसे ध्यान में रखते हुए हम सभी का प्रयास होना चाहिए की सभी मिलकर विश्वविद्यालय की उन्नति के लिए कार्य करें और इसे देश के अग्रणी संस्थानों में शामिल करने में सभी अपना सहयोग प्रदान करें।