हरियाणा सरकार ने अपने ऐसे कर्मचारियों को पेंशन की गणना के उद्देश्य से एक नोशनल इंक्रीमेंट देने का निर्णय लिया है, जो 30 जून या 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो चुके हैं या होने वाले हैं, बशर्ते उन्होंने संतोषजनक कार्य एवं आचरण के साथ एक वर्ष की अनिवार्य सेवाकाल अवधि पूरी कर ली हो।
मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, जिनके पास वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव का दायित्व भी है, द्वारा इस सम्बन्ध में एक पत्र जारी किया गया है। यह निर्णय माननीय सर्वोच्च न्यायालय के 20 फरवरी, 2025 के आदेश (भारतीय संघ बनाम एम सिद्धराज) और केन्द्र सरकार द्वारा 20 मई, 2025 को जारी ज्ञापन की पालना में लिया गया है। जैसा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों में खास तौर पर वर्णित है, यह वेतनवृद्धि केवल पेंशन की गणना के लिए ही देय होगी और अन्य पेंशन लाभ जैसे ग्रेच्युटी, लीव इनकैशमेंट या कम्यूटेशन पर लागू नहीं होगी।
यह लाभ हरियाणा सिविल सेवा (आरपी / एसीपी) नियम, 2008 के तहत उन कर्मचारियों पर लागू होगा, जो 30 जून, 2006 से 30 जून, 2015 के बीच सेवानिवृत्त हो चुके हैं और जिन्होंने संतोषजनक कार्य और आचरण के साथ एक वर्ष की सेवा पूरी की है। इसके अतिरिक्त, यह लाभ उन कर्मचारियों को भी मिलेगा, जो हरियाणा सिविल सेवा (आरपी / एसीपी) नियम, 2016 के तहत 30 जून या 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो चुके हैं या होने वाले हैं और जिन्होंने संतोषजनक कार्य और आचरण के साथ एक वर्ष की सेवा पूरी की है।
एक वेतनवृद्धि देकर बढ़ी हुई पेंशन मई 2023 से देय होगी। 30 अप्रैल, 2023 से पूर्व कोई भी एरियर या बकाया देय नहीं होगा। जो कर्मचारी न्यायालय चले गए थे और उनके अनुकूल निर्णय आया, उन्हें न्यायालय के निर्णय के अनुसार बढ़ी हुई पेंशन प्रदान की जाएगी। जिन मामलों में उच्च न्यायालय में अपील लंबित है, अंतिम लाभ न्यायालय के निर्णय पर निर्भर करेगा।