Haryana News : छठ पूजा पर्व के मद्देनज़र हरियाणा सरकार ने यमुना नदी की स्वच्छता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपनी तैयारियों को और तेज़ कर दिया है।
मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए विभागों के बीच समन्वय को और प्रभावी बनाने, प्रदूषण नियंत्रण के कठोर उपाय लागू करने और पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखने के निर्देश दिए। सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि यमुना और उसकी सहायक नदियों के तटों पर पूजा-अर्चना करने वाले श्रद्धालुओं के लिए स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराया जा सके।
मुख्य सचिव ने यमुना कैचमेंट एरिया में स्थित सभी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (एस.टी.पी.) और कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट्स (सी.ई.टी.पी.) की 24 घंटे निगरानी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी कार्यकारी अभियंताओं को 28 अक्तूबर, 2025 तक इन प्लांट्स के संचालन की व्यक्तिगत रूप से निगरानी करने के आदेश दिए ताकि कोई भी खराबी आने पर इसे तुरन्त ठीक किया जा सके और सभी संयंत्र निर्धारित पर्यावरणीय मानकों के अनुरूप कार्य करें।
इसकी निरंतर निगरानी के लिए कनिष्ठ अभियंता और उपमंडल अभियंताओं को तैनात किया गया है, जबकि हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को विशेष फ्लाइंग स्क्वॉड गठित कर आकस्मिक निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि निर्माणाधीन और कार्यरत, सभी संयंत्रों की सूची तैयार कर आगामी कार्ययोजना बनाई जाए और परियोजनाओं की समयबद्ध पूर्णता सुनिश्चित की जाए।
अनुराग रस्तोगी ने कहा कि राज्य सरकार यमुना को स्वच्छ और प्रदूषणमुक्त बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ नदी प्रणाली न केवल पर्यावरणीय आवश्यकता है, बल्कि समाज की साझा जिम्मेदारी भी है। छठ पूजा इस दिशा में सामूहिक प्रयासों को मजबूत करने का उपयुक्त अवसर है।
मुख्य सचिव ने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम, गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण, शहरी स्थानीय निकाय विभाग और हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिए कि वे उन औद्योगिक इकाइयों की पहचान करें जिनसे नदी या उसके सहायक नालों में प्रदूषक उत्सर्जित होने की संभावना है। साथ ही, उनके संचालन पर भी कड़ी निगरानी रखें। उन्होंने यह भी कहा कि परिचालन या मॉनिटरिंग डेटा में किसी भी प्रकार की हेराफेरी पाए जाने पर तुरंत सख्त कार्रवाई की जाए।
उन्होंने निर्देश दिए कि शहरी स्थानीय निकाय विभाग और सिंचाई विभाग छठ पूजा के दौरान नदी तटों की स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए नालों और नदी किनारों से ठोस अपशिष्ट की तुरंत सफाई सुनिश्चित करें। इसके अलावा, नगर निगमों को पर्याप्त जनशक्ति और मशीनरी तैनात करने को कहा गया है ताकि छठ पर्व के दौरान घाटों और नदी तटों की सफाई और सुगम पहुँच सुनिश्चित हो सके।
अगले 15 दिनों तक पुलिस, नगर निगम, जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग तथा विकास एवं पंचायत विभाग द्वारा एक संयुक्त प्रवर्तन अभियान चलाया जाएगा ताकि किसी भी प्रकार के सीवेज या टैंकर अपशिष्ट को अवैध रूप से यमुना में डाले जाने से रोका जा सके। जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि उपलब्ध क्षमता अनुसार टैंकरों के माध्यम से सीवेज उठाकर उपचार के लिए एस.टी.पी. तक पहुँचाया जाए। संबंधित उपायुक्त और सब डिविजनल मजिस्ट्रेट इस कार्य की निगरानी करेंगे।
मुख्य सचिव ने यमुना कैचमेंट एरिया में चल रही एस.टी.पी. परियोजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा की। उन्होंने बताया कि 107 एम.एल.डी. क्षमता की नई परियोजनाएँ मार्च 2027 तक पूरी कर ली जाएंगी।
बैठक में यह भी बताया गया कि बेहरामपुर, कन्हेली, करनाल, हैकत नगर, शिव कॉलोनी और जाटल रोड (पानीपत) में उपचारित अपशिष्ट जल से सिंचाई हेतु छह परियोजनाएँ प्रगति पर हैं, जिनकी संयुक्त उपचार क्षमता 158 एम.एल.डी. है। लगभग 253 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली ये परियोजनाएँ 35 प्रतिशत से 90 प्रतिशत तक पूरी हो चुकी हैं।
यमुना और उसकी सहायक नदियों की सुरक्षा के लिए प्रदेशभर में 364 पुलों पर बाड़ लगाने (फेंसिंग) का कार्य किया जा रहा है। इनमें सर्वाधिक स्थल सिरसा (74), कुरुक्षेत्र (73), चरखी दादरी (50) और कैथल (37) जिलों में हैं। इसी प्रकार, 19 क्षेत्रों में 79 घाटों की पहचान की गई है, जिनमें से 40 घाटों का उन्नयन किया जा चुका है जबकि 39 नए घाट विकसित किए जा रहे हैं। हिसार, करनाल, यमुनानगर और सिरसा में विशेष रूप से कार्य प्रगति पर है ताकि छठ पर्व के दौरान श्रद्धालुओं के लिए स्वच्छ और सुरक्षित सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा सकें।

