रोहतक। हरियाणा के सरकारी स्कूलों में एडमिशन बढ़ाने की कवायद सरकारी स्कूल के अध्यापकों ने तेज कर दी है। स्कूल के अध्यापक डोर टू डोर दस्तक देकर लोगों को उनके बच्चों के दाखिले सरकारी स्कूलों में करवाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। इसके अलावा लोगों को सरकारी स्कूलों में मिलने वाली सुविधाओं और स्कूलों की उपलब्धियों के बारे में अवगत करवाया जा रहा है। शिक्षा विभाग की तरफ से सभी स्कूल मुख्यिाओं को छात्रों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए है।
शिक्षा विभाग की ओर से टारगेट
बता दे, सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की घटती संख्या पर हरियाणा शिक्षा विभाग अलर्ट पर है। जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि स्कूलों को छोड़ कर गए बच्चों को वापस लाकर दाखिला किया जाए। इसके लिए सभी जिलों को शिक्षा विभाग की ओर से टारगेट भी दिए गए हैं। चरखी दादरी, हिसार समेत कई जिलों पर विभाग का खास जोर है। दाखिले के मामले में राजकीय स्कूल साल दर साल पिछड़ते जा रहे हैं। हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी व जिला परियोजना समन्वयक को इसको लेकर पत्र जारी किया है।
घर-घर जाकर दस्तक दे रहे गुरुजी
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ की टीम सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ाने के लिए घर-घर जाकर नामांकन के लिए दस्तक दे रहे हैं, ताकि प्रदेश का कोई भी बच्चा शिक्षा के अधिकार से वंचित न रहे। स्कूलों में प्रवेश उत्सव के आयोजन के साथ शिक्षकों काे भी बच्चों की संख्या बढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। स्कूलों में मिल रही सुविधाओं की जानकारी देने के साथ बच्चों के भ्रमण का प्रोग्राम भी है।
हिसार में 32 हजार दाखिले बढ़ाने का टारगेट
शिक्षा विभाग ने सभी जिलों में बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए लक्ष्य निर्धारित किया है। जो विद्यार्थी शैक्षणिक वर्ष 2022-23 से 2023-24 में स्कूल छोड़ गए, उनको वापस लाने के लिए सभी जिलों को टारगेट दिया है। प्रतिशत के हिसाब से देखें तो सबसे अधिक 25 प्रतिशत लक्ष्य चरखी दादरी जिले का है। चरखी दादरी जिले में शैक्षणिक सत्र 2023-24 में कुल विद्यार्थी 31649 थे, जो शैक्षणिक वर्ष 2022-23 के मुकाबले 10409 कम थे। वहीं संख्या के हिसाब से हिसार जिले में सबसे बड़ा लक्ष्य है। हिसार में 2025-24 के दौरान 133044 विद्यार्थी थे, जो 2022-23 से 32192 कम थे। इस वर्ष 32192 विद्यार्थी बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रति टीचर नए 2 दाखिले का जिम्मा
रोहतक के जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) मंजीत मलिक ने कहा कि विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए स्कूलों में प्रवेश उत्सव चल रहा है। वहीं नए स्टूडेंट्स को स्कूलों का भ्रमण करवाया जा रहा है और सुविधाओं की जानकारी दी जा रही है। साथ ही लोगों को भी सरकारी स्कूलों में मिलने वाली बेहतर सुविधाओं की जानकारी देते हैं। ताकि अधिक से अधिक विद्यार्थी सरकारी स्कूलों में दाखिला ले। साथ ही प्रति टीचर को 2 नए स्टूडेंट्स का दाखिला करवाने का जिम्मा लगाया हुआ है।
हर वर्ष सरकारी स्कूलों की तरफ से चलाया जाता है अभियान
गौरतलब है कि सरकारी स्कूलों में अधिक से अधिक दाखिले के लिए अध्यापकों द्वारा हर वर्ष अभियान चलाया जाता है। इस अभियान के कई गांवों में सकारात्मक परिणाम भी सामने आते हैं और सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ती है। जींद के किशनपुरा गांव में अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रतिनिधि राजेश खर्ब के अनुसार संघ के सदस्य प्रत्येक गांव में डोर टू डोर जाकर ग्रामीणों से संपर्क साध रहे हैं। बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूल में करवाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है।
इसके अलावा ग्रामीणों को सरकारी स्कूलों में मिलने वाली सुविधाओं के बारे में बताया जा रहा है। ग्रामीणों को जागरूक होने की जरूरत है, क्योंकि सरकारी स्कूलों में जो स्टाफ है वह निपुण है। विभाग का उद्देश्य समाज के प्रत्येक आखिरी कोने पर बैठे बच्चे तक निशुल्क गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा पहुंचाना है। क्योंकि शिक्षा ही वह साधन है जो समाज को भय, भूख, भ्रष्टाचार और गरीबी से मुक्ति दिलाकर आत्म निर्भरता की ओर ले जाता है।