Saturday, April 19, 2025
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श्रद्धा व उल्लास के साथ अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव का हुआ आगाज, मुख्यमंत्री नायब सैनी ने किया शुभारंभ

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बुधवार को आदि बद्री, यमुनानगर में 31 कुंडीय हवन यज्ञ और मंत्रोच्चारण के बीच अंतरराष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव-2025 का शुभारंभ किया। यह महोत्सव 29 जनवरी से 2 फरवरी, 2025 तक चलेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विकास कार्यों की सौगात देते हुए 54 करोड़ 71 लाख रुपये की लागत की 29 परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास भी किया। इनमें 26 करोड़ 71 लाख रुपये की लागत की 15 परियोजनाओं के उद्घाटन और लगभग 28 करोड़ रुपये की लागत की 14 परियोजनाओं के शिलान्यास शामिल हैं।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने मां सरस्वती की चरण वंदना करते हुए कहा कि आज समय, स्थान और अवसर का अद्भुत संगम है। आज मौनी अमावस्या है। महाकुंभ का शाही स्नान है। ऋतुराज वसंत का आगमन भी हो रहा है। इसी मनमोहक वातावरण में मां सरस्वती नदी के उद्गम स्थल आदिबद्री में अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव का शुभारंभ हो रहा है। इस महोत्सव का उद्देश्य पूरे संसार का ध्यान हमारी महान सभ्यता की ओर आकर्षित करना है। इस महोत्सव के माध्यम से हम अपनी संस्कृति, सभ्यता और मूल्यों को भी अगली पीढ़ी तक पहुंचा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि आज ही मां सरस्वती के किनारे पर स्थित दूसरे तीर्थ स्थलों पर भी यह महोत्सव धूमधाम से शुरू हो रहा है। पेहवा तीर्थ सरस और सांस्कृतिक मेले का शुभारंभ हो रहा है। कैथल पोलड़ एवं पिसोल तीर्थ और जींद के हंस डहर तीर्थ में एक फरवरी को सरस्वती महोत्सव के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नदियों को भारतीय संस्कृति में पूजनीय माना जाता रहा है। इन दिनों गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम स्थल प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन हो रहा है। यह हमारी सांस्कृतिक विरासत का उत्सव है। कुम्भ केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि वैचारिक समागम व आदान-प्रदान के मंच के रूप में भी महत्व रखता है।

सरस्वती नदी में जल का बारहमासी प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए हिमाचल प्रदेश के साथ किया समझौता

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने सरस्वती नदी में जल का बारहमासी प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए हिमाचल प्रदेश के साथ एक समझौता किया है। इसके तहत सोम नदी पर एक बांध का निर्माण किया जा रहा है। साथ ही, सोम-सरस्वती बैराज और जलाशय का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा, सरस्वती नदी के जलग्रहण क्षेत्र में बारिश के पानी को भी नदी में प्रवाहित करने के प्रयास किये जा रहे हैं। सरस्वती नदी की पवित्रता की रक्षा करने के लिए यमुनानगर, कुरुक्षेत्र और कैथल में गंदे पानी के उपचार के लिए 25 तरल अपशिष्ट प्रबंधन परियोजनाओं का निर्माण किया गया है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पौधारोपण भी किया। बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए और मां सरस्वती पर पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

महोत्सव के दौरान कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा, सामाजिक न्याय, अधिकारिता, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं अंत्योदय (सेवा) मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने भी अपने विचार व्यक्त किये। हरियाणा सरस्वती धरोहर बोर्ड के उपाध्यक्ष धूमन सिंह किरमच ने मुख्यमंत्री सहित अन्य अतिथियों का महोत्सव में पहुंचने पर स्वागत किया और सरस्वती धरोहर बोर्ड द्वारा किए जा रहे कार्यों पर प्रकाश डाला।

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