रोहतक। हरियाणा में छात्रों के सर्वांगिण विकास के लिए शिक्षा विभाग लगातार प्रयासरत है। इन्हीं कोशिशों में अलग-अलग कक्षाओं को शैक्षणिक भ्रमण भी प्रस्तावित हैं। इसी बीच शिक्षा विभाग ने कक्षा 7वीं से 9वीं तक की छात्राओं को कुरुक्षेत्र का भ्रमण करवाने का फैसला लिया है। शिक्षा विभाग ने कहा है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली मेधावी छात्राओं को सरकार द्वारा धर्मनगरी कुरुक्षेत्र का भ्रमण कराया जाएगा। शिक्षा निदेशक ने इस संबंधित आदेश जारी कर दिए हैं।
जानकरी के अनुसार सरकारी स्कूलों की मेधावी छात्राओं को प्रदेश सरकार धर्मनगरी कुरुक्षेत्र का भ्रमण कराएगी। सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, महेंद्रगढ़, फरीदाबाद, पलवल, मेवात और गुरुग्राम की छात्राओं को तीन दिन और दो दिन तक कुरुक्षेत्र में भ्रमण का मौका मिलेगा, जबकि अन्य जिलों की छात्राएं दो दिन और एक रात के लिए कुरुक्षेत्र में रहेंगी। हर जिले से सातवीं से नौवीं तक की 100 छात्राएं भ्रमण के लिए चुनी जाएंगी, जिन्होंने वार्षिक परीक्षा में 75 प्रतिशत से ज्यादा अंक प्राप्त किए हैं। हालांकि अभिभावकों की सहमति जरूरी होगी।
शैक्षणिक भ्रमण पर जाने वाली सभी छात्राओं के रहने, खाने-पीने और परिवहन का खर्च शिक्षा विभाग वहन करेगा। इसके लिए मुख्यालय की तरफ से सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को प्रति कक्षा 50-50 हजार रुपये की राशि जारी की गई है। कुरुक्षेत्र में छात्राएं पैनोरमा, श्रीकृष्ण म्यूजियम, कल्पना चावला तारामंडल, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय स्थित धरोहर व 1857 की क्रांति पर आधारित संग्रहालय का अवलोकन करेंगी।
जिला शिक्षा अधिकारी ने शैक्षणिक भ्रमण के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है। जिसमें स्कूलों के प्रतिनिधियों को ही शामिल किया गया है। जो भ्रमण के लिए छात्राओं का चयन करने तथा जिला स्तर पर भ्रमण पर होने वाले खर्च को विभागीय नियमानुसार खर्चने के लिए अधिकृत होगी। नौवीं कक्षा की छात्राओं के लिए भ्रमण के दौरान ठहराव व खान-पान का खर्च जिला शिक्षा अधिकारी और सातवीं और आठवीं कक्षा के लिए मौलिक शिक्षा अधिकारी द्वारा वहन किया जाएगा।
शिक्षा निदेशक ने जिला शिक्षा अधिकारियों और मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर शैक्षणिक भ्रमण के लिए चयनित छात्राओं की सूची मांगी है। उन छात्राओं को प्राथमिकता दी जाएगी, जिन्हें पहले कभी अपने जिले से बाहर जाने का अवसर नहीं मिला है।
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह कमेटी भ्रमण के लिए छात्राओं का चयन और जिलास्तर पर भ्रमण पर खर्च करने के लिए अधिकृत होंगी। भ्रमण पर जाने वाली छात्राओं को विद्यालय का पहचान पत्र, दैनिक प्रयोग की चीजें व दवाइयां साथ ले जानी होंगी। साथ ही भ्रमण पर जाने के लिए अभिभावकों से सहमति पत्र भी लाना होगा।