हरियाणा। हरियाणा में युवाओं को भागदौड़ भरी जिंदगी के बीच करियर बनाने के लिए शहर ही नहीं, देश तक छोड़ना पड़ रहा है। ऐसे में कई बार बुजुर्ग माता-पिता को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस बदलाव के बीच तमाम सुविधाओं से युक्त ओल्ड एज होम राहत की उम्मीद जगा रहे हैं। घर जैसा माहौल और देखरेख मुहैया करवाने के कारण लोग अपने माता-पिता को बिना चिंता के यहां रखवा रहे हैं। अपने उम्र के लोगों के बीच बुजुर्ग भी खुशनुमा जिंदगी व्यतीत कर रहे हैं।
अब बुजुर्गों के सम्मान के लिए हरियाणा सरकार मनोहर पहल शुरू करने जा रही है। सीएम मनोहर सरकार जल्द ही प्रदेश के अंदर आधुनिक ओल्ड-एज-होम खोलने की तैयारी में है। ये वृद्धाश्रम मुख्य तौर पर विदेशी पैटर्न पर आधारित होंगे जिसमें एक ही छत के नीचे बुजर्गों को हर प्रकार की सुविधा मिलेगी। इसके लिए मुख्यमंत्री ऑफिस के वरिष्ठ अधिकारी योजना तैयार कर जमीनी हकीकत में बदलने का होमवर्क पूर्ण कर चुके हैं। सीएमओ में तैनात अफसर और सरकार चाहते हैं कि सरकार केवल आर्थिक तौर पर मदद करें लेकिन समाजसेवियों और संस्थाओं द्वारा इन केंदों को संचालित किए जाए।
विदेशी पैटर्न पर वृद्धाश्रम खोलने को लेकर किया काम
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्देशों पर राज्य में बुजुर्गों के लिए विदेशी पैटर्न पर वृद्धाश्रम (ओल्ड एज होम) खोलने को लेकर तैयारी की जा रही है। खास बात यह है कि ये सभी सरकारी नहीं बल्कि इसमें समाजसेवियों और सामाजिक संगठनों, धार्मिक संस्थाओं को जोड़ा जाएगा। इनका संचालन भी समाजसेवी और धार्मिक लोग करेंगे। फिलहाल राज्य की मनोहर सरकार इसको दो से तीन जिलों में बतौर पायलट प्रोजेक्ट लाने की तैयारी में है। इसके बाद इसको हर जिले में खोलने की तैयारी की जा रही है।
एक ही छत के नीचे सारी सुविधा देने की तैयारी
हरियाणा सरकार की ओर से दिशा निर्देशों के बाद अंडर वन रूफ (एक ही छत के तले) तमाम सुविधाएं अर्थात मेडिकल मदद, डाक्टर नर्स, योगा के साथ-साथ इनके मनोरंजन आदि की व्यवस्था, पुस्तकें पढ़ने की व्यवस्था लाइब्रेरी सहित तमाम बिंदुओं पर विचार मंथन हो रहा है। इतना ही नहीं, इसकी एवज में पेंशनर्स औऱ आर्थिक तौर पर मजबूत बुजुर्गों से हर माह न्यूनतम राशि लेने की व्यवस्था भी रखी जाएगी, ताकि उन्हें यह भी ना लगे कि वे किसी अन्य के ऊपर पूरी तरह से निर्भर हैं। काफी संख्या में अकेलेपन औऱ सुरक्षा को लेकर चिंतित बुजुर्ग भी इस तरह की व्यवस्था के हक में हैं। मुख्यमंत्री ऑफिस इस दिशा में योजना तैयार कर इसको हकीकत में बदलने की दिशा में कदम उठाने जा रहा है। खास बात यह है कि बुजुर्गों को तमाम सुविधाएं जैसे धार्मिक पुस्तक, टीवी, एलईडी, नेट की सुविधा, सत्संग औऱ खेल के लिए भी कुछ व्यवस्था करने की बात है।
बीमार व बुजुर्गों की अनदेखी के चलते लिया निर्णय
मुख्यमंत्री ऑफिस में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी आशिमा बराड़ का कहना है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल नहीं चाहते कि बीमार और बुजुर्ग किसी प्रकार से परेशान हो अथवा उनकी अनदेखी हो। मुख्यमंत्री प्रदेश के अंदर अक्सर बेसहारा व अकेलापन महसूस करने वाले बुजुर्गों को एक सुरक्षित स्थान प्रदान करने की मंशा रखते हैं, जिसको लेकर जल्द ही इस प्रकार के केंद्र की शुरुआत की जाएगी। फिलहाल यह पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर एक या दो जिलों में संचालित किए जाएंगे, बाद में इसको प्रदेश भर में चलाया जाएगा। जनता के सहयोग के बिना कोई भी योजना अधूरी है, इसलिए इसमें सामाजिक संगठनों, समाजसेवियों और धार्मिक संस्थाओं का सहयोग लिया जाएगा।