Thursday, June 5, 2025
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वैश्य एजुकेशन संस्था रोहतक में चल रहे विवाद में सरकार कर सकती है हस्तक्षेप!

प्रवीन बतरा.रोहतक : उत्तर भारत वैश्य समाज की प्रमुख शिक्षण समिति वैश्य एजुकेशन सोसायटी फिर विवाद के घेरों में आ गई है। इस बार विवाद गहरा होता जा रहा है। अब मामले में सरकार हस्तक्षेप कर सकती है।

इसका ताजा उदाहरण कल सोमवार को गवर्निंग बॉडी कमेटी के 11 सदस्यों ने बैठक की। जिसकी अध्यक्षता गवर्निंग बॉडी के सदस्य प्रमोद बंसल ने की। हालांकि सोसायटी कार्यालय में ताला लगा हुआ था। जिसके चलते गवर्निंग बॉडी की बैठक कार्यालय के बरामदे में हुई। बैठक में विवेक नवल को कार्वाहक प्रधान तथा राहुल जैन को कार्वाहक उप प्रधान चुना गया।

सोसायटी के सचिव व चुनाव अधिकारी राजेंद्र बंसल ने 20 जुलाई को चुनाव कार्यक्रम घोषित किया हुआ है। इसके तहत 105 कॉलेजियम सदस्यों का चयन होगा। साथ ही इसके बाद 10 अगस्त को गवर्निंग बॉडी के सदस्यों और 5 पदाधिकारियों प्रधान, उपप्रधान, सचिव, सहसचिव व कोषाध्यक्ष के लिए मतदान होगा।

सोसायटी के सहसचिव श्यामलाल गर्ग ने कहा कि सोमवार 2 जून की रजिस्ट्रार जनरल के निर्देश के अनुसार गवर्निंग बॉडी की बैठक बुलाई गई थी। सचिव राजेंद्र बंसल ने 2 जून की बैठक को स्थगित कर उस आदेश की अवमानना की है। इधर सोसायटी सचिव राजेंद्र बंसल का कहना है कि कार्यवाहक प्रधान व कार्यवाहक उपप्रधान का चयन करना सोसायटी के संविधान के विपरीत है इसलिए यह चयन अमान्य है।

वैश्य एजुकेशन सोसायटी के आजीवन सदस्यों का कहना है कि पदाधिकारियों के बीच चल रहे उत्पन्न हुए विवाद से जहां संस्था का शिक्षण माहौल बिगड़ता है। वहीं समाज में सोसायटी की छवि को भी ठेस पहुंचती है। उनका कहना है कि विवाद के चलते संस्था में सरकार प्रवेक्षक नियुक्त कर देती है।

आजीवन सदस्यों का मानना है कि संस्था के पदाधिकारियों को आपसी मतभेद बनाकर संस्था में विकास की गति को बढ़ाना चाहिए और शिक्षा क्षेत्र में संस्था को एक उच्च स्थान पर ले जाने के प्रयास करने चाहिए।

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