रोहतक : यार तेरी तो शक्ल ही बिल्कुल बदल गई है, यदि अपनी इस मीट में तुझे नहीं देखता तो शायद पहचान ही नहीं पाता। तुम भी तो बुजुर्ग हो गए हो और पोते पोती वाले हो गए हो। अपनी जवानी के दिन क्या अब दोबारा नहीं आ सकते, यार वो दिन जीवन के सबसे अच्छे दिन थे। यह कहकर एक दूसरे को नम आंखों के साथ गले लगाते दिखे, पीजीआईएमएस रोहतक के 1975 बैच के एमबीबीएस छात्र अपनी गोल्डन जुबली सेलिब्रेशन में।
पीजीआईएमएस के सेवानिवृत डीन छात्र कल्याण एवं पूर्व ईएनटी विभागाध्यक्ष डाॅ. विकास कक्कड़ ने बताया कि उनके कुछ दोस्तों के बीच काफी समय से विचार चल रहा था कि उनके बैच 1975 की गोल्डन जुबली सेलिब्रेशन आयोजित की जाए, लेकिन पूरे बैच का किसी के पास संपर्क नहीं था। ऐसे में उन्होंने ऑनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से एक दूसरे दोस्त को ढूंढने का अभियान चलाया और सभी को गोल्डन जुबली सेलिब्रेशन मनाने के बारे में बताया। जिस पर गत दिवस कनाडा, यूएसए, यूके, कुवेत आदि कई देशों से 1975 बैच के करीब 60 विद्यार्थी अपनी दो दिवसीय गोल्डन जुबली मनाने के लिए भारत में पहुंचे। डाॅ. विकास कक्कड ने बताया कि उन्होंने कार्यक्रम में आने पर सभी का स्वागत किया।
50 साल बाद भी उनके साथियों में पूरा जोश
डाॅ. आदित्य भार्गव ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि उन्हें गर्व है कि 50 साल बाद भी उनके साथियों में पूरा जोश है और वें पीजीआईएमएस का धन्यवाद व्यक्त करते हैं, जिन्होंने उन्हें एक माला की तरह पिरोकर आज सभी को इस मुकाम पर पहुंचाया। उन्होने बताया कि कार्यक्रम के दौरान डाॅ. विकास कक्कड ने मेरे यार मैनू याद आंदे ने गाना गाया, जिस पर सभी भावुक हो गए और सभी की आंखें नम हो गईं।
गाने गाकर सभी का मन मोहा
डाॅ श्याम अग्रवाल, डाॅ. विजय, डाॅ. सतीश ने भी गाने गाकर सभी का मन मोहा। डाॅ. रश्मि गर्ग ने कहा कि उन्हें आज भी याद है कि उनके पिता जी पीजीआईएमएस के निदेशक थे, जिसके चलते सभी बच्चे उनसे बात करने से डरते थे। डाॅ. रेनू ने महिलाओं का ग्रुप डांस करवाया,जिसमें 12 महिलाओं ने हिस्सा लिया।
जनसंपर्क विभाग के इंचार्ज डाॅ. वरुण अरोडा ने मंच का संचालन किया। उन्होंने बताया कि डाॅ. विकास कक्कड ने अपने लडकों के गैंग की विभिन्न यादों की फोटो को जाकेट पर लगाकर स्टेज पर काफी धूम मचाया। डाॅ. वरुण ने कहा कि विश्वविद्यालय जल्द ही एलुमनाई एसोसिएशन बनाने जा रहा है उसके बाद सभी एलुमनाई उसमें अपना योगदान दे सकेंगे।