Friday, December 13, 2024
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गीता श्लोकों की गूंजेंगी गूंज : स्वच्छता अभियान से जुड़ेगा आमजन,11 दिसंबर को दीपोत्सव में ग्राम पंचायतों की रहेगी भागीदारी

कुरुक्षेत्र। महाभारत धरा के 48 कोस के तीर्थों पर गीता महोत्सव का रंग जमेगा। पांच जिलों के 182 तीर्थों पर गीता वाणी की गूंज सुनाई देगी। गीता पाठ के साथ तीर्थों पर स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा। इसके साथ-साथ 48 कोस के तीर्थों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम, गीता पाठ व गीता यज्ञ का आयोजन होगा। सांस्कृतिक कार्यक्रमों का जिम्मा हरियाणा कला परिषद को सौंपा गया है। कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, पानीपत व जींद जिले के सभी 182 तीर्थों पर गीता महोत्सव के आयोजन की रूपरेखा तैयार हो चुकी है।

48 कोस तीर्थ निगरानी कमेटी के चेयरमैन मदन मोहन छाबड़ा की देखरेख में तीर्थों पर महोत्सव की तैयारियों को अमलीजामा पहनाया जा रहा है। तीर्थों पर गीता महोत्सव के आयोजन का उद्देश्य गीता की सार्वभौमिकता के साथ युवाओं को जोडऩा है। इसके साथ ही बुजुर्गों व महिलाओं का गीता के साथ जुड़ाव बढ़ाने के लिए गीता पाठ का आयोजन किया जाएगा। हरियाणवीं सांग के जरिये भी हरियाणवीं संस्कृति की जीवट प्रस्तुतियां होंगी, सांग की थीम भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े विषयों पर होगी।

दीपोत्सव में होगी ग्राम पंचायत व जनप्रतिनिधियों की भागीदारी

48 कोस तीर्थ निगरानी कमेटी के चेयरमैन मदन मोहन छाबड़ा ने बताया कि 48 कोस के सभी तीर्थों पर 11 दिसंबर को दीपोत्सव का आयोजन होगा। दीपोत्सव में ग्राम पंचायतों की भागीदारी रहेगी और जनप्रतिनिधि मेहमान होंगे। इनमें ब्लाक समिति, जिला परिषद व निकायों के जनप्रतिनिधियों के साथ अन्य प्रबुद्ध लोगों को आमंत्रण भेजा जा रहा है। इसके अतिरिक्त, 48 कोस तीर्थों के गांवों में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल करने वाले युवाओं को भी आमंत्रित किया जाएगा।

सभी तीर्थों पर युवा संभालेंगे स्वच्छता की कमान

चेयरमैन मदन मोहन छाबड़ा ने बताया कि 48 कोस के तीर्थों पर स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा। तीर्थों की साफ-सफाई की जाएगी और परिसर को सुसज्जित किया जाएगा। हर तीर्थ पर रंग-बिरंगी लाइटें लगाई जाएंगी। तीर्थों पर चलाए जाने वाले स्वच्छता अभियान की कमान युवा संभालेंगे। अभियान में ग्राम पंचायतों की भूमिका भी अहम रहेगी और स्वच्छता प्रहरियों के सहयोग से तीर्थों पर अभियान चलाया जाएगा। जहां तीर्थ स्थित है, गांव या पालिका क्षेत्र के प्रबुद्धजनों के साथ उस क्षेत्र के उपलब्धि हासिल करने वाले युवा, जिसमें खिलाड़ी, सेना, प्रशासनिक सेवाओं से जुड़े लोगों को आमंत्रित किया जाएगा और सामाजिक संस्थाएं, जिनमें युवा क्लबों के सदस्यों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।

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