रोहतक। रोहतक में सफाई व्यवस्था फेल है। जगह जगह गंदगी के ढेर लगे हैं। लेकिन अब नगर निगम क्षेत्र में चौपट हो चुकी सफाई व्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने की तैयारी हो गई है। 29 नवंबर को अमृत योजना की सीवरेज लाइन में फंसकर दो मजदूरों की मौत हो गई थी। इसी प्रकरण की जांच करने के लिए 29 नवंबर, बुधवार को राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग की उपाध्यक्ष अंजना पंवार रोहतक पहुंची थीं। शहर की सफाई व्यवस्था ठप होने पर निगम के अधिकारियों को खरी-खरी सुनाई थी। शहर को साफ रखने के भी आदेश दिए थे।
आयोग की उपाध्यक्ष की फटकार के बाद निगम अधिकारियों की नींद टूटी है। निगम अधिकारियों ने शुक्रवार को शहर को पांच जोन में बांटकर तत्काल सफाई का कार्य शुरू करने की योजना भी बना ली है। नगर निगम आयुक्त जितेंद्र दहिया ने अपने कार्यालय में आपातकालीन बैठक की। शहर में सफाई व्यवस्था खराब होने से लगातार हो रही किरकिरी पर अधिकारियों ने चिंता जताई। रेवेन्यू कालोनी प्रकरण पर हालांकि अधिकारी बैठक में चुप रहे।
आयुक्त ने आदेश दिए हैं कि सफाई का कार्य तकनीकी और सफाई शाखा संयुक्त रूप से करेगी। बैठक के दौरान ही निगम क्षेत्र को पांच जोन में बांटा गया है। निगम अफसरों की कोशिश रहेगी कि शनिवार से प्रत्येक वार्ड में नियमित सफाई अभियान चलाया जाएं। बैठक में 80 स्थानों पर कचरे के ढेर की भी जानकारी सामने आई। जिस क्षेत्र में भी गंदगी के ढेर लगे हैं उनको तुरंत प्रभाव से हटवाया जाएगा। इस दौरान बैठक में अधीक्षण अभियंता श्याम सिंह, कार्यकारी अभियंता मंदीप धनखड़ व संजीव कुमार व अभियंताओं में अमित कुमार, सुनील कुमार, सुनील शर्मा, तरूण कुमार, वीरेंद्र हुड्डा, वसीम अकरम, मुख्य सफाई निरीक्षक सुंदर सिंह, हर्ष चावला के अतिरिक्त सभी सहायक सफाई निरीक्षक व जेई भी बैठक में मौजूद रहे।
सफाई अभियान के दौरान वार्डों में जो कर्मचारी हैं, वही तैनात रहेंगे। मगर चार से पांच जेसीबी और 25 तक ट्रैक्टर-ट्राली सफाई अभियान में लगाई जाएंगी। निगम के कार्यकारी अभियंता, नगर अभियंता, कनिष्ठ अभियंता, मुख्य सफाई निरीक्षक, सफाई निरीक्षक व सहायक सफाई निरीक्षक को वार्डवार ड्यूटी लगा दी है। यही प्रतिदिन सफाई की रिपोर्ट देंगे। वहीँ एक पूर्व पार्षद का कहना है कि नगर निगम यदि विशेष सफाई अभियान चलाना चाहता है तो कोई टोल फ्री नंबर भी जारी होना चाहिए ताकि आमजन कचरे के ढेर की जानकारी दे सकें। 18001805007 वाला टोल नंबर बंद आता है।
निगम के सूत्रों का कहना है कि शहर में सड़कों की सफाई का विवाद हाईकोर्ट में चल रहा है। इसी प्रकरण में अब छह दिसंबर को सुनवाई होगी। पहले छह मार्च 2024 को सुनवाई का समय मिला हुआ था। हालांकि निगम ने आमजन को गंदगी के कारण होने वाली परेशानी का हवाला देते हुए जल्द सुनवाई की गुहार लगाई थी। वहीं, निगम सूत्रों का यह भी कहना है कि छह दिसंबर को ही डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के टेंडर खुलेंगे। निगम अधिकारियों का कहना है कि हाईकोर्ट से राहत मिल जाती है तो तुरंत ही सफाई के टेंडर कराएंगे।
आफिसर कालोनी में नगर निगम ने 50 सदस्यीय टीम लगाकर विशेष सफाई अभियान चलाया था। मेयर मनमोहन गोयल इस मामले सख्त हुए। लोगों ने अभियान को लेकर सुझाव दिया था कि शहर में भी इसी तरह से वार्डवाइज विशेष टीमों का गठन करके सफाई अभियान चलाया जाए। मेयर मनमोहन गोयल ने कहा कि शहर में गंदगी के हालातों से हमने मुख्यमंत्री को अवगत कराया था। उन्होंने आदेश दिए हैं कि प्रतिमाह एक सप्ताह लगातार शहर में सफाई का कार्य कराया जाए। अब शहर की सफाई व्यवस्था फिर से संतोषजनक होगी। जल्द ही सफाई के टेंडर होंगे और जनता को राहत मिलेगी।