रोहतक : पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सभी प्रदेशवासियों को हरियाणा दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा कि हरियाणा भले ही 1 नवंबर 1966 को अलग प्रदेश बना था, लेकिन हमारी संस्कृति और सभ्यता सदियों पुरानी है। महाभारत का युद्ध हरियाणा के कुरुक्षेत्र में ही लड़ा गया, जिसने अन्याय पर न्याय की जीत का संदेश पूरी दुनिया को दिया। राखीगढ़ी हड़प्पा सभ्यता के समय की है और हमारे प्राचीन अस्तित्व को प्रमाणित करती है। उसके बाद पानीपत में हुए युद्धों ने पूरे भारत के शासन और भविष्य को तय किया।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि अंग्रेजों के समय हरियाणा को पंजाब के साथ जोड़ दिया गया था, लेकिन लंबे समय तक विकास के मामले में हरियाणा काफी पिछड़ा क्षेत्र बना रहा। इसलिए हरियाण को पंजाब से अलग करने की मांग उठने लगी। उस समय चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा समेत व अन्य नेताओं का अलग प्रदेश बनाने में ऐतिहासिक योगदान रहा। और हरियाणा अस्तित्व में आया। उस वक्त बहुत सारे लोगों ने संदेह जताया कि हरियाणा अपने दम पर उन्नति कर पाएगा या नहीं। लेकिन हरियाणा की मेहनती जनता और तमाम सरकारों ने इन संदेहों व प्रश्नों पर अंकुश लगाते हुए देश के सामने प्रगति की एक अलग मिसाल पेश की।
भगवत दयाल शर्मा, राव बीरेंद्र सिंह, चौधरी बंसी लाल, चौ देवीलाल, चौ. भजनलाल, चौ. ओमप्रकाश चौटाला समेत तमाम मुख्यमंत्रियों ने अपने कार्यकाल में हरियाणा को आगे लेकर जाने के लिए अपना योगदान दिया।
कांग्रेस सरकार के दौरान 2014 तक हरियाणा पूरे देश में प्रति व्यक्ति आय, प्रति व्यक्ति निवेश, खेल, बुजुर्गों का सम्मान, किसानों की आमदनी, कानून-व्यवस्था और खुशहाली समेत तमाम विकास के पैमानों पर नंबर वन राज्य बन गया था।
लेकिन बीजेपी सरकार बनने के बाद 2014 से हरियाणा विकास की पटरी से उतर गया और विकास के पैमानों में लगातार नीचे फिसलता चला गया।
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि जब तक किसी प्रदेश की कानून-व्यवस्था बेहतर नहीं होगी, तब तक वह तरक्की नहीं कर सकता। इसका साक्षात उदाहरण आज हमारे सामने है। हरियाणा में करीब 60 संगठित अपराधिक गैंग सक्रिय हैं। कानून-व्यवस्था का पूरी तरह दिवाला निकल चुका है। उनके डर से हरियाणा में कोई भी निवेश करने को तैयार नहीं है, जो बेरोजगारी की बड़ी वजह है।

