Rohtak News : पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) का कहना है कि किसानों को दिल्ली जाने से रोकना बीजेपी (BJP) का प्रजातंत्र विरोधी कदम है। किसान की आवाज दबाने की बजाय सरकार को बातचीत कर समाधान निकालना चाहिए। हुड्डा रोहतक में पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि बीजेपी किसानों को बिजाई के समय डीएपी, सिंचाई के समय यूरिया और कटाई के समय एमएसपी देने में हमेशा नाकाम साबित हुई है। यही वजह है कि बार-बार अपनी मांगों को लेकर किसानों को आंदोलन करना पड़ता है। लेकिन सरकार किसानों की मांगों को नजरअंदाज कर रही है। पिछली बार आंदोलन खत्म करवाते हुए सरकार ने एमएसपी के लिए बाकायदा एक कमेटी बनाने का ऐलान किया था। लेकिन इतना लंबा समय बीत जाने के बाद भी किसानों के हाथ खाली हैं और वह सरकार को उसका वादा याद दिलाने के लिए दिल्ली जाना चाहते हैं।
किसानों को रोकना पूरी तरह अलोकतांत्रिक
हुड्डा ने कहा कि सभी को प्रजातंत्र में शांतिपूर्ण तरीके से कहीं भी आने-जाने या अपनी बात कहने का अधिकार है। लेकिन बीजेपी सरकार किसानों से यह अधिकार छीनना चाहती है। जबकि किसानों ने सरकार के बात मानते हुए बिना ट्रैक्टर-ट्राली के दिल्ली जाने की बात मान ली है। ऐसे में उनको रोकना पूरी तरह अलोकतांत्रिक है।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बीजेपी सरकार 24 फसलों पर एमएसपी देने की बात कहती है। जबकि सच्चाई यह है कि हरियाणा में कुल 24 फसलें होती ही नहीं है। और जो फसलें होती हैं, उन पर किसानों को कभी एमएसपी नहीं मिलती। धान का उदाहरण सभी के सामने है। चुनाव के समय मुख्यमंत्री ने किसानों को 3100रु धान का रेट देने का ऐलान किया था। लेकिन चुनाव के बाद सरकार अपने वादे को भूल गई और किसानों को एमएसपी तक नहीं मिल पाई।
कांग्रेस चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार
निकाय चुनावों के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार है।बढ़ते अपराध पर चिंता जाहिर करते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि 10 साल से प्रदेश में लगातार अपराध और नशा बढ़ता जा रहा है। क्योंकि सरकार अपनी जिम्मेदारी को निभाने में नाकाम रही है। इसलिए आज प्रदेश में हर व्यक्ति खुद को असुरक्षित महसूस करता है। कानून व्यवस्था से लेकर विकास तक हर मोर्चे पर बीजेपी विफल साबित हुई है। इसीलिए 10 साल से सत्ता में होने के बावजूद उसके पास गिनवाने के लिए ना कोई काम है और ना ही कोई उपलब्धि। 10 साल में बीजेपी ने हरियाणा में ना कोई नया पावर प्लांट लगाया, न ही मेट्रो लाइन को आगे बढ़ाया, न ही प्रदेश में कोई बड़ा संस्थान, विश्वविद्यालय या उद्योग स्थापित किया।