Saturday, January 11, 2025
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रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ : सीएम योगी बोले- सत्य को अधिक दिनों तक धुंधला करके कोई नहीं रख सकता

अयोध्या : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सत्य को अधिक दिनों तक धुंधला करके कोई नहीं रख सकता है। सत्य एक दिन उजागर होगा। देश-दुनिया सत्य के रूप में अयोध्या में रामजन्मभूमि पर प्रभु रामलला के भव्य मंदिर देख रही है। प्रभु राम के भव्य मंदिर का निर्माण दुनिया में दबी-कुचली सभ्यता व संस्कृति के लिए संदेश भी है कि लोकतांत्रिक, संविधान सम्मत तरीके से अधिकार लिए जा सकते हैं। अयोध्या में रामजन्मभूमि के लिए हुए अनगिनत बलिदान व उन सब मूल्यों के साथ अग्निपरीक्षा के दौर से बार-बार गुजरने के बाद भी धैर्य न खोना इस अभियान का हिस्सा रहा है। विश्वास है कि हम सब इस पथ के अनुगामी बनेंगे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में भगवान रामलला के श्रीविग्रह की प्राण- प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ पर आयोजित प्रतिष्ठा द्वादशी कार्यक्रम के उपरांत अपनी बातें रखीं। अंगद टीले में हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने श्रीरामलला के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलन व पुष्पांजलि की। सीएम ने अशोक सिंहल को भी श्रद्धांजलि अर्पित की।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को अंगद टीला, अयोध्या में श्री रामलला के श्रीविग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए।

धैर्य की अग्निपरीक्षा देता हुए हर भारतवासी गुजरा, लेकिन ध्येय एक ही रहा प्रभु विराजमान हों

मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंदू पंचांग के अनुसार श्रीरामजन्मभूमि पर प्रभु रामलला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा के एक वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास द्वारा प्रतिष्ठा-द्वादशी के रूप में त्रिदिवसीय आयोजन का शुभारंभ किया गया है। 22 दिसंबर 1949, रामलला का अपनी जन्मभूमि में प्रकटीकरण होना, इस पूरी लड़ाई की पृष्ठभूमि को आगे बढ़ाता हुआ आज इन स्थितियों में पहुंचा कि प्राण-प्रतिष्ठा के एक वर्ष के उपरांत आज मंगलगान के साथ अभिभूत होकर हम सभी गौरव की अनुभूति कर रहे हैं। इसके उपरांत भी अनेक तिथियां आईं, जिस पर न्यायसंगत तरीके से मर्यादा के अनुसार धैर्य की अग्निपरीक्षा देते हुए हर भारतवासी गुजरा, लेकिन ध्येय सबका रहा कि प्रभु श्रीरामलला विराजमान हों।

पूरे देश को जोड़ रही नए उप्र की नई अयोध्या

सीएम ने कहा कि अयोध्या अब अयोध्या होने का अहसास कराती है। सूर्यवंश की राजधानी अयोध्या देश की पहली सौलर सिटी बन चुकी है। यह नए भारत का नया उत्तर प्रदेश है तो नए उत्तर प्रदेश की नई अयोध्या अपने तीर्थ होने के गौरव के साथ पूरे देश को अपने साथ जोड़ रही है। यह एक दिन में नहीं हुआ, इसके लिए लंबे संघर्ष को बढ़ाना पड़ा। दर्जनों पीढ़ियां चली गईं, लेकिन एक ही कामना थी कि अयोध्या में प्रभु रामलला को विराजमान होता देख सकें। कई संत व भक्त अधूरी कामना लिए चले गए, लेकिन उनका संकल्प दृढ़ था। हम सभी सौभाग्यशाली हैं कि इन तिथियों को आंखों से देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।

हर किसी का एक ही ध्येय कि राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम उन अनगिनत रामभक्तों, कारसेवकों व पूज्य संतों के ऋणी हैं, जो संघर्ष के साथ अग्नि परीक्षा के दौर से गुजरते हुए भी अपने मार्ग से विचलित नहीं हुए। 1528 से छह दिसंबर 1992 तक हर 15-20 वर्ष के अंतराल में हिंदू समाज अपनी जन्मभूमि को वापस प्राप्त करने के लिए निरंतर कार्य और संघर्ष करता रहा। जिस भाषा में शासन तंत्र समझता रहा, उस भाषा में समझाने का कार्य करता रहा। हर किसी का एक ही ध्येय था कि राममंदिर का निर्माण होना चाहिए।

न्यास ने दिन देखा न रात, धूप देखी न बरसात

सीएम ने कहा कि चार वर्ष के दौरान श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास ने न दिन देखा, न रात। धूप देखी न बरसात। बिना किसी की परवाह किए इनका केवल एक ही ध्येय रहा कि रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम से जुड़ने के साथ मंदिर को भव्य स्वरूप देना। कोटि-कोटि रामभक्तों के अनुरूप यहां व्यवस्था दी गई। न्यास अहर्निश लगकर कार्य कर रहा है। भक्तों की इच्छा के अनुरूप सुविधाओं को आगे बढ़ाने का काम मजबूती के साथ चल रहा है। पूरा परिसर एक बार भव्य रूप में आ जाएगा तो सनातन धर्म के धार्मिक स्थलों को किस रूप में भव्य होना चाहिए, वह दृश्य दिखेगा। श्रीराम जन्मभूमि का यह भव्य मंदिर सनातन धर्म के सभी स्थलों के लिए नई प्रेरणा का केंद्रबिंदु बनने वाला है।

राम हैं तो राष्ट्र है, राष्ट्र है तो राम हैं

सीएम ने कहा कि पीएम मोदी ने प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में देशवासियों से आह्वान किया था कि राम राष्ट्र के प्रतीक हैं। राम हैं तो राष्ट्र है, राष्ट्र है तो राम हैं। दोनों को अलग करके नहीं देखा जा सकता, दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। उत्तर से दक्षिण तक, पूरब से पश्चिम तक इन्हीं आराध्य देवों के कारण आज भारत है। पीएम मोदी के नेतृत्व में नए भारत को आगे बढ़ाया जा रहा है। हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि उस अभियान का हिस्सा बनें।

सीएम ने प्रयागराज महाकुम्भ में किया आमंत्रित

सीएम ने कहा कि 13 जनवरी से प्रयागराज की धरती पर महाकुम्भ का आयोजन होने जा रहा है। अयोध्या जैसी भव्य सुविधा प्रयागराज में प्राप्त होने वाली है। प्रयागराज महाकुम्भ भव्यता-दिव्यता, आस्था व आधुनिकता के संगम के रूप में देखने को मिल रहा है। सीएम ने सभी से अनुरोध किया कि एक बार जाकर त्रिवेणी में स्नान कीजिए और सनातन धर्म के बढ़े गौरव का मूर्त रूप देखकर आइए।

इस अवसर पर महंत दिनेंद्र दास जी महराज, धर्मदास जी महाराज, ज्ञानी गुरजीत सिंह, श्रीराम जन्भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महामंत्री सचिव चंपत राय, विहिप के केंद्रीय पदाधिकारी दिनेश, कैबिनेट मंत्री सूर्यप्रताप शाही, स्वतंत्र देव सिंह, महापौर गिरीश पति त्रिपाठी, जिला पंचायत अध्यक्ष रोली सिंह, विधायक वेदप्रकाश गुप्त, रामचंद्र यादव, अभय सिंह, अमित सिंह चौहान आदि मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री ने हनुमानगढ़ी में भी किया दर्शन-पूजन

मुख्यमंत्री ने लखनऊ निकलने से पूर्व संकटमोचन हनुमानगढ़ी के दरबार में भी हाजिरी लगाई। उन्होंने यहां विधिवत पूजा-अर्चना करते हुए प्रदेशवासियों के सुखमय जीवन की प्रार्थना की।

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