रोहतक। बदलते दौर के साथ फास्ट फूड और चाकलेट का चलन ज्यादा ही बढ़ गया है। घर के खाने की बजाय लोग नुक्कड़ के हथठेलों पर ज्यादा नजर आते हैं। स्वाद का यह जायका भले ही जुबान को सुकून देता हो, लेकिन दांतों को नुकसान पहुंचा रहा है। दंत रोग चिकित्सकों के अनुसार यह शौक दांतों को कैरीज नामक बीमारी दे रहा है। 30 साल की उम्र के युवा भी इस रोग की चपेट में आ रहे हैं।
नागरिक अस्पताल रोहतक के सीनियर डेंटल सर्जन डॉ. अतुल शर्मा का कहना है कि प्रतिदिन 22 से ज्यादा मरीज इस समस्या को लेकर पहुंच रहे हैं। अमूमन बुजुर्गों के दांतों में तो समस्या होती ही है, लेकिन युवा वर्ग भी इस समस्या से पीड़ित होकर पहुंच रहे हैं। असल में इस बीमारी में दांतों की इनेमल परत धीरे-धीरे गलने लगती है। जिससे सुरक्षा कवच टूट जाता है और दांत खराब होना शुरू हो जाते हैं।
ओरल हेल्थ चेकअप भी जरूरी है कराना
नागरिक अस्पताल रोहतक के सीनियर डेंटल सर्जन डॉ. अतुल शर्मा का कहना है कि आमधारणा है कि मुंह की सफाई सिर्फ ब्रश करने मात्र से पूरी हो जाती है। हकीकत इस आम धारणा में एकदम अलग है। मुंह की सफाई के साथ नियमित ओरल हेल्थ चेकअप भी दंत चिकित्सक से कराना जरूरी है। वर्ष में दो बार कम से कम यह जांच करानी चाहिए। खान-पान में फास्टफूड का चलन बढ़ गया है, जिससे दांत खोखले हो रहे हैं।
दो माह में सामने आए 1369 केस
दंत चिकित्सक का कहना है कि अगर समय रहे दांतों का ध्यान रखा जाए तो फिलिंग की नौबत नहीं आएगी। सामान्य अस्पताल में दो माह में रोज औसतन 22 मरीज दांतों की फिलिंग करने आ रहे हैं। दो माह में 1369 केस सामने आए हैं। सिविल अस्पताल के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले दो माह में दंत चिकित्सा की ओपीडी 4061 रही। इसमें पाइरिया, रूट कैनाल ट्रीटमेंट, सर्जिकल ऑपरेशन, डेंटल फिलिंग (क्षतिग्रस्त दांतों को मजबूत बनाने) समग्र दंत स्वास्थ्य के लिए जनवरी माह में 1862 मरीज पहुंचे। इसमें से 1607 मरीजों की दांतों का इलाज किया गया। वहीं फरवरी में 2199 मरीज पहुंचे। इसमें 1897 की दंत चिकित्सा की गई।
युवाओं में जंक फूड का क्रेज
जिला अस्पताल के दंत रोग विशेषज्ञ का कहना है कि कैरीज एक प्रकार की बीमारी है, जो ज्यादा मीठा, चिकनाई युक्त भोजन और कोल्ड ड्रिंक आदि का सेवन करने वालों को होती है। चिंता की बात तो यह है कि 30 साल से ऊपर की उम्र वालों में यह रोग सबसे ज्यादा देखने को मिल रहा है। शहर में स्ट्रीट फूड खाने के बाद कई-कई घंटे लोग दांतों की सफाई नहीं कर पाते। ऐसे में धीरे-धीरे कैविटी अपना घर बनाने लगता है और यहीं से दांतों की समस्या का आरंभ होता है। दांत का दर्द कैविटी के कारण भी हो सकता है। कुछ मरीजों में यह दर्द खाने या काटने पर ही महसूस होता है। यह एक कष्टप्रद रोग है, जिसका असर उम्र बढ़ने के साथ बढ़ने लगता है। इससे बचाव के लिए समय-समय पर दंत चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।
क्या होता है इनेमल
चिकित्सकों का कहना है कि इनेमल को दांतों का सुरक्षा कवच कहा जाता है। यह दांतों की बाहरी परत है, जो टूट-फूट और दूसरे प्रकार के झटकों से दांतों की रक्षा करती है। यह शरीर का सबसे कठोर ऊतक है, लेकिन, अनदेखी के कारण इसके छोटे-छोटे टुकड़ों में दरार आ सकती है। टूटी हुई हड्डियों की तरह से इनकी मरम्मत नहीं की जा सकती है क्योंकि ये मृत कोशिकाओं से बनी होती है। यही वजह है कि एक बार घिसने के बाद इसे दोबारा उसी रूप में वापस नहीं लाया जा सकता।
डेंटल सर्जन डॉ. अतुल शर्मा ने कहा कि ओरल चेकअप नियमित कराना चाहिए। इसके लिए दांत से संबंधित कोई परेशानी जैसी वजह नहीं ढूंढनी चाहिए। दंत चिकित्सक के पास चेकअप के लिए साल में कम से कम दो बार जरूर जाएं और दांत की सफाई कराएं, क्योंकि दांत अनमोल हैं। इनकी देखभाल शरीर के अन्य कोमल अंगों की तरह ही करनी चाहिए।