Haryana News : डीएपी खाद के लिए हरियाणा में किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सुबह से ही किसान लाइनों में लग जाते हैं। पुलिस की मौजूदगी में वितरण किया जा है।
वहीं हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने राज्य में डाई-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) उर्वरक की उपलब्धता को लेकर उठाए गए सवालों पर स्पष्ट किया कि किसानों के लिए पर्याप्त मात्रा में डीएपी उपलब्ध है और उसकी आपूर्ति में कोई रुकावट नहीं है। विपक्षी दलों पर ‘भ्रामक बयानबाजी’ का आरोप लगाते हुए राणा ने कहा कि सरकार किसानों को समय पर उर्वरक आपूर्ति और फसल खरीद में सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है।
कांग्रेस नेताओं द्वारा डीएपी की कमी के आरोपों का खंडन करते हुए राणा ने बताया कि राज्य में वर्तमान में 2&,748 मीट्रिक टन डीएपी स्टॉक में है और 15 नवंबर तक अतिरिक्त 9,519 मीट्रिक टन आने की संभावना है।
कृषि मंत्री ने इस संदर्भ में अधिकारियों के साथ बैठक भी की और सभी किसानों को डीएपी उपलब्ध कराने और रा’य में एक भी एकड़ भूमि को डीएपी की कमी के कारण अनबोया न रहने देने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा, ‘हमारे किसानों के लिए डीएपी की कोई कमी नहीं है।’ उन्होंने यह भी बताया कि मुख्य मंत्री श्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी सरकार देश की एकमात्र सरकार है जो न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 24 फसलों की खरीद करती है। विभागीय आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा में डीएपी का स्टॉक मांग के अनुरूप है और पिछले वर्ष की खपत के स्तर से मेल खाता है। पिछले रबी सीजन में कुल 2,29,086 मीट्रिक टन डीएपी का उपयोग हुआ था। इस वर्ष 11 नवंबर तक राज्य में 1,86,658 मीट्रिक टन डीएपी प्राप्त हुआ है, जिसमें पहली अक्टूबर को शुरुआती 5&,970 मीट्रिक टन का स्टॉक शामिल था। उन्होंने बताया कि इस वर्ष पहली से 10 नवंबर के बीचराज्य में डीएपी की कुल खपत 5&,164 मीट्रिक टन रही, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह खपत &2,441 मीट्रिक टन थी।
मंत्री ने कहा कि डीएपी के अलावा हरियाणा के किसान कई प्रकार के उर्वरकों का उपयोग करते हैं, जिसमें एनपीके (नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम) और सिंगल सुपर फॉस्फेट (एसएसपी) भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष 65,200 मीट्रिक टन एनपीके प्राप्त हुआ है, जिसमें से वर्तमान में 2&,749 मीट्रिक टन रा’य में स्टॉक में है, जिससे किसानों को विभिन्न पोषक तत्व विकल्प उपलब्ध हो रहे हैं।
राणा ने कांग्रेस सरकार के कार्यकाल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उस समय किसान अपनी फसल बिना सरकारी समर्थन के बेचने में संघर्ष करते थे। कृषि मंत्री ने यह भी कहा कि भाजपा सरकार किसानों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है और हरियाणा देश का एकमात्र राज्य है जिसने 24 फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद सुनिश्चित करने के कदम उठाए हैं।
राणा ने बताया कि रा’य एजेंसियों ने पहले ही 50 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद की है और जोर देकर कहा कि ‘मंडियों में लाए गए हर एक दाने की खरीद की जाएगी।’ कांग्रेस के धान खरीद में कमी के आरोपों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा, ‘कोई भी किसान नहीं छूटा है; पूरी फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी जा रही है।’
कृषि मंत्री ने बताया कि हरियाणा की मंडियों में धान और बाजरा खरीद की प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है। भुगतान के संदर्भ में उन्होंने पुष्टि की कि सरकार ने किसानों को खरीद के 72 घंटों के भीतर भुगतान जारी करने का प्रावधान किया है और अब तक 11,522 करोड़ रुपये से अधिक की राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में स्थानांतरित की गई है। इसमें से 10,510.79 करोड़ रुपये धान के लिए और 1,011.&1 करोड़ रुपये बाजरा के लिए हैं। उन्होंने किसानों को शीघ्र भुगतान और सुचारू लेनदेन का आश्वासन दिया।
कृषि मंत्री ने कृषि क्षेत्र के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए विपक्षी नेताओं से झूठी जानकारी फैलाने से बचने का आग्रह किया। सरकार हरियाणा के किसानों की जरूरतों को पूरा करने के लिए पूरी तरह से समर्पित है। उन्होंने कहा और राजनीतिक विवादों के बीच भाजपा सरकार के ग्रामीण विकास और किसान कल्याण पर ध्यान केंद्रित करने का उल्लेख किया।