चंडीगढ़। किसानों ने आज सुबह 11 बजे दिल्ली कूच शुरू कर दिया है। इसके लिए शंभू बॉर्डर पर हाईड्रोलिक क्रेन, जेसीबी व बुलेटप्रूफ पोकलेन जैसी भारी मशीनरी लाई गई है। किसानों का मुख्य काफिला पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर से रवाना होगा। इसके अलावा खनौरी बॉर्डर से भी किसान हरियाणा में घुसेंगे। यहां से वे ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में दिल्ली की तरफ जाएंगे। देर रात पंजाब से शंभू बॉर्डर की तरफ हैवी मशीनरी लेकर जा रहे किसानों और पुलिस में नाकाबंदी पर झड़प हो गई। इसमें शंभू थाना के SHO इंस्पेक्टर अमनपाल सिंह विर्क और मोहाली के SP जगविंदर सिंह चीमा घायल हो गए। दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
फिर किसानों से बात करेगी सरकार
आंदोलन का आज 9वां दिन है। अलग-अलग वजह से अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में 2 किसान और 2 पुलिस सब इंस्पेक्टर हैं। किसानों की तैयारी को देखते हुए कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा है कि सरकार किसानों से पांचवें दौर की बातचीत के लिए तैयार है। उन्होंने किसानों से बातचीत के लिए फिर से न्योता भेजा है। अगर किसान बातचीत के लिए तैयार हो जाते हैं, तो यह पांचवीं बैठक होगी। अब तक की सभी बैठकें बेनतीजा रहीं। अर्जुन मुंडा ने दिल्ली की तरफ मार्च कर रहे किसानों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
शांति से आगे बढ़ेंगे किसान
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि हम आगे बढ़ेंगे और पूरी दुनिया हमें शांति से आगे बढ़ते हुए देखेगी। अगर सरकार को लगता है कि किसानों को मारने से उनकी समस्या हल हो जाएगी तो वह ऐसा कर सकती है। लेकिन हम शांतिपूर्वक आगे बढ़ना जारी रखेंगे। पंधेर ने कहा कि हमने तय किया है कि कोई भी किसान, युवा आगे नहीं जाएगा। सिर्फ नेता शांतिपूर्ण आगे जाएंगे। हम सरकार से आज भी मांग करेंगे कि दिल्ली से बड़ा फैसला करें। आप कहें कि MSP पर गारंटी कानून बनाएंगे, ये आंदोलन अभी खत्म हो सकता है।
ट्रैक्टरों को पीछे हटने के आदेश
किसान संगठनों के नेताओं ने घोषणा की है कि ट्रैक्टर बंद कर दें, किसान नेता पैदल ही आगे जाएंगे। ट्रैक्टर आगे नहीं जाएंगे। हरियाणा पुलिस द्वारा पांच मिनट लगातार आंसू गैस गोले छोड़े गए, जिसके बाद किसान नेताओं ने आगे चल रहे युवाओं को दो कदम पीछे हटने के लिए कहा। किसान नेता डल्लेवाल ने कहा कि वह सरकार की तरफ से बातचीत के लिए प्रस्ताव का कुछ मिनट इंतजार करेंगे। वहीँ शंभू बॉर्डर पर युवाओं ने मशीनों से बेरिकोर्ट को तोड़ने की कोशिश की तो हरियाणा पुलिस ने ड्रोन से आंसू गैस के गोले छोड़े। ड्रोन को फंसाने के लिए किसान पतंग उड़ा रहे हैं। किसानों ने पतंग की डोर से ड्रोन को फंसाने की कोशिश की तो ड्रोन वापस चले गए। किसानों ने गुलेल का भी इंतजाम कर लिया है।
हैवी मशीनरी के साथ किसान तैयार
बता दें कि शंभू के साथ खनौरी बॉर्डर से भी किसान दिल्ली जाने के लिए हरियाणा में घुसेंगे। किसानों ने हरियाणा बॉर्डर पार करने का इंतजाम भी कर लिया है। दरअसल, किसानों को रोकने के लिए हरियाणा पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स भी अलर्ट पर है। शंभू बॉर्डर पर सीमेंट के गार्डर, कंटीली तारें बिछाकर 7 लेयर बैरिकेडिंग की गई है। इसी से पुलिस ने 8 दिन से यहीं पर रोके रखा है, लेकिन हरियाणा पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ने के लिए किसान JCB और हाईड्रोलिक क्रेन जैसी हैवी मशीनरी लेकर पहुंच गए हैं। इसके अलावा बुलेटप्रूफ पोकलेन मशीन भी लाई गई हैं। इनको इस तरह से डिजाइन कराया गया है कि इन पर आंसू गैस के गोलों का भी असर न हो।
डिस्पोजेबल ईयर प्लग बांटे
वहीं हरियाणा पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए शंभू बार्डर पर घग्गर नदी के ऊपर बने पुल पर सीमेंट के गर्डर और कंटीले तारों से बैरिकेडिंग की है। इसे तोड़ने के लिए किसान JCB, हाईड्रोलिक क्रेन और बुलेट प्रूफ पोकलेन मशीन भी साथ लाए हैं। इसके साथ ही मौके को देखते हुए लग रहा है कि शंभू बॉर्डर पर किसानों को रोकने के लिए हरियाणा पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स साउंड कैनन का इस्तेमाल कर सकती है। इसे देखते हुए किसानों को डिस्पोजेबल ईयर प्लग बांटे जा रहे हैं। लॉन्ग-रेंज एकॉस्टिक डिवाइस (LRAD) यानि साउंड कैनन एक खास तरह का लाउडस्पीकर होता है जो काफी दूर तक तेज आवाज पैदा करता है। इसकी डेसिबल क्षमता 160 डीबी तक होती है। जबकि मनुष्यों की सुनने की क्षमता 50-60 डीबी तक होती है।
मांग एक पर विरोध का तरीका अलग
किसान आंदोलन-2.0 में किसान संगठन एकजुट नहीं हो पा रहे हैं, बल्कि धड़ों में बंटे हुए हैं। खास बात ये है कि सभी किसान संगठनों की मांग एक ही है कि एमएसपी पर गारंटी कानून लागू किया जाए, लेकिन संगठनों के विरोध के तरीकों का रूप अलग-अलग है। संगठन अपने-अपने तरीके से सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं, लेकिन पंजाब के किसानों के दिल्ली कूच के समर्थन से बच रहे हैं। भाकियू टिकैत गुट का कहना है कि उनका दिल्ली कूच को समर्थन नहीं है। लेकिन बुधवार को प्रदेशभर में भाजपा कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन कर सरकार के पुतले फूंके जाएंगे।