Farmers News: रोहतक के उपायुक्त धर्मेंद्र सिंह ने जिला के किसानों का आह्वान किया है कि वे लगातार गिरते भू-जल स्तर को सुधारने के लिए धान की सीधी बिजाई को अपनाए। सरकार द्वारा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के माध्यम से कई योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है, जिनके तहत जिला में 40 धान की सीधी रोपाई की मशीनों को अनुदान पर प्राप्त करने के लिए आगामी 10 जुलाई तक ऑनलाइन आवेदन प्राप्त किए गए है।
धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि सरकार द्वारा धान की सीधी बिजाई की मशीन पर कुल मूल्य पर 50 प्रतिशत या 40 हजार रुपए जो भी कम हो, वह अनुदान राशि दी जाएगी। योजना का लाभ किसानों को पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर दिया जाएगा। मशीन पर अनुदान के लिए किसान के पास ट्रैक्टर की वैध आरसी के साथ मेरी फसल-मेरा ब्योरा, आधार कार्ड, पैन कार्ड, परिवार पहचान पत्र, बैंक खाता व अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र (यदि अनुसूचित जाति से हो तो) होना चाहिए।
उपायुक्त धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि किसान विभागीय पोर्टल agriharyana.gov.in पर आगामी 10 जुलाई तक धान की सीधी बिजाई अर्थात डीएसआर मशीनों पर अनुदान हेतु आवेदन कर सकते है। उन्होंने बताया कि धान की सीधी बिजाई करने वाले किसानों को विभाग की तरफ से साढ़े 4 हजार रुपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी। इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर अपना पंजीकरण करवाना होगा।
धान की सीधी बिजाई के लाभ
धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि कृषि विशेषज्ञों के अनुसार अगर धान की बिजाई परंपरागत तरीके की बजाए सीधी बीजाई पद्धति से की जाए तो 20 से 25 प्रतिशत पानी की बचत के साथ मजदूरी के खर्च में भी बचत होती है। सीधी बिजाई करने से धान की पैदावार में कोई अंतर नहीं आता और जमीन को कद्दू करने की जरूरत नहीं पड़ेगी व साथ में नर्सरी उगाने का झंझट भी नहीं होगा। धान बिजाई की इस विधि में 6 से 8 किलोग्राम प्रति एकड़ बीज की जरूरत होगी। इस विधि से धान की बिजाई करने के लिए सहायक कृषि अभियंता कार्यालय में भी एक डीएसआर मशीन उपलब्ध है। इच्छुक किसान धान की सीधी बीजाई के लिए यह मशीन सहायक कृषि अभियंता कार्यालय से भी प्राप्त कर सकता है।