शांति प्रकाश जैन.रोहतक: शहरी और ग्रामीण नागरिक अब बारिश से तौबा करने लगे है। क्योंकि आज 3 सितंबर तक जिले में लगभग औसत से लगभग 28 प्रतिशत अधिक वर्षा हो चुकी है। किसान अब इंद्र देवता से प्रार्थना करने लगे है कि अब उन्हें और बरसात की आवश्यकता नहीं है।
जिले में पिछले 7 दिन से लगातार हो रही बूंदाबांदी से खेतों में जहां पानी खड़ा हो गया है। वहां भूमिगत पानी का स्तर भी काफी ऊंचा आ गया है। काहनौर के एक किसान नंबरदार ज्वार भुटानी व नंबरदार शंटी बतरा ने बताया कि उनके खेत का भूमिगत पानी का लेवल काफी उपर आ गया है और खडे पानी का लेवल एक हो गया है जिसके चलते खड़ी फसल पूरी तरह बर्बाद होने की कगार पर है। उन्होंने सरकार से मांग की कि तुरंत पानी को निकाला जाए ताकि फसल बच सके और क्षेत्र में विशेष गिरदावरी करवाई जाए और खराब फसलों के लिए मुआवजा घोषित करें। उनकी मांग है कि कम से कम 50 हजार रूपए प्रति एकड़ क्षतिपूर्ति मुआवजा किसानों को दिया जाए ताकि वो होने वाली आर्थिक हानि से उभर सके।
पिछले 7 दिन से शहर में हो रही बारिश से लगभग सभी सड़कों की हालत काफी खराब हो गई है और सड़क के दोनो और कीचड का जमावड़ा तो हो ही गया है और गंदा पानी भी सड़कों पर खड़ा है जिससे यातायात में बाधा उत्पन्न हो गई है। लगातार बूंदाबांदी से बहुत से मकानों की छतों से पानी टपकने लगा है और नागरिको की मुसीबतें बढ़ गई है। उनका कहना है यदि 2-4 दिन में स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो उनके रहन-सहन में बाधा उत्पन्न हो जाएगी।
बीमारियां पैर फैलाने लगी
उनका यह भी कहना है कि जिला प्रशासन और नगर निगम इस विषय में कोई कारगर कदम नहीं उठा रहा जिसके चलते उनकी कठिनाइयां बढ़ने लगी है। उनका यह भी आरोप है कि निगम प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग शहर के विभिन्न क्षेत्रों में खडें बरसाती पानी पर दवाई नहीं छिड़कवा रहा है जिसके चलते मच्छरों का प्रकोप बढ़ने लगा है। इस कारण शहर में मलेरिया, डेंगू आदि बीमारियां पैर फैलाने लगी है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि नगर निगम और प्रशासन उनकी कठिनाइयों पर ध्यान देकर उन्हें राहत पहुचाएं।