रोहतक। PGI रोहतक से पंजाब के घायल किसान प्रीतपाल को चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया है। पंजाब व हरियाणा के दातासिंहवाला बॉर्डर पर तीन दिन पहले किसान व पुलिस के बीच हुई झड़प में घायल किसान संगरुर निवासी प्रीतपाल सिंह को डॉक्टरों ने शनिवार को रोहतक पीजीआई से चंडीगढ़ रेफर कर दिया। परिजनों का आरोप था कि प्रीतपाल सिंह का सही उपचार नहीं करवाया जा रहा है। वह डरा हुआ है।
पीजीआई में दाखिल मरीज को लेकर पंजाब सरकार ने हरियाणा को पत्र लिखा था। कहा था कि मरीज को पंजाब के हवाले किया जाए, ताकि उसका सही ढंग से उपचार कराया जा सके। इतना ही नहीं परिजन शनिवार दोपहर किसानों को लेकर रोहतक पीजीआई पहुंचे। प्रीत पाल के भाई गुरजीत सिंह ने कहा कि पुलिस की मार से प्रीतपाल सिंह पूरी तरह घायल है और वह डरा हुआ है। इलाज के लिए लुधियाना जाना चाहता है, लेकिन पुलिस जाने नहीं दे रही।
गुरजीत सिंह ने बताया की 21 तारीख को किसान आंदोलन के दौरान दातासिंहवाला के साथ लगते खनौरी बॉर्डर पर प्रीतपाल सिंह एक तरफ बैठा हुआ था तभी आंसू गैस के गोले छोड़े गए। जैसे ही प्रीतपाल सिंह भागने लगा उनके सिर में डंडा लगा। पुलिस उसे उठाकर ले गई। उसके मुंह पर चोट है पैरों में फ्रैक्चर है। नरवाना सिविल अस्पताल से प्रीतपाल सिंह को रोहतक पंडित बीडी शर्मा पीजीआइएमएस में इलाज के लिए भेजा गया है, लेकिन वह डरा हुआ है। इसलिए वे उसे लेकर जा रहे हैं।
जनवादी महिला समिति की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉक्टर जगमति सांगवान का कहना है कि हरियाणा पुलिस पंजाब के किसान प्रीतपाल सिंह को जबरन उठाकर लाई है। उसे टार्चर भी किया गया। उसके जबड़े व पैरों पर चोटों के निशान है। उसे अचेत हालत में पीजीआई में दाखिल किया गया। उसे व उसके परिवार वालों को यह विश्वास ही नहीं हुआ कि हरियाणा में उसका ईलाज भी हो सकता है।
शनिवार को बलदेव सिंह सिरसा चंडीगढ़ से रोहतक आए और संगठनों के सांझे प्रयास से प्रीत पाल सिंह को चंडीगढ़ भिजवाया। इस मौके पर डाक्टर धर्मवीर राठी, प्रीत सिंह, एडवोकेट रामचंद्र सिवाच, डाॅक्टर जगमति सांगवान, विरेंद्र मलिक, विनोद गिल, मनोज सहरावत, गीता अहलावत, विरेंद्र हुड्डा, ममता काद्यान, एडवोकेट गुरु प्रसाद व किसान आन्दोलन तथा सामाजिक संगठनों के अनेकों नेता भी मौजूद रहे।