रोहतक पीजीआईएमएस (Rohtak PGIMS) के एनेस्थीसिया विभाग में फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम एमडी एनेस्थीसिया में ऑब्जेक्टिव स्ट्रक्चर्ड क्लिनिकल एग्जामिनेशन (ओएससीई) और ऑब्जेक्टिव स्ट्रक्चर्ड प्रैक्टिकल एग्जामिनेशन (ओएसपीई) के परिचय के संबंध में था।
इस डेवलपमेंट प्रोग्राम का शुभारंभ कुलपति डॉक्टर एच के अग्रवाल, डॉ सचदेवा, रजिस्ट्रार हरियाणा मेडिकल काउंसिल व निदेशक डॉक्टर एस के सिंघल ने दीप प्रज्वलित करके किया।
इस अवसर पर चिकित्सकों को संबोधित करते हुए कुलपति डॉक्टर एच के अग्रवाल ने कहा कि यह कार्यक्रम आज की आवश्यकता है और सभी विभागों को एनेस्थीसिया विभाग के कदमों का पालन करना चाहिए, जिसने अग्रणीय भूमिका निभाई है। उन्होंने बताया कि एचएमसी द्वारा इस कार्यक्रम को अपनी सामग्री के लिए 2 क्रेडिट घंटे प्रदान किए गए थे।
कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए निदेशक डॉक्टर एस के सिंघल ने बताया कि इस कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार परीक्षा में वस्तुनिष्ठता लाने और स्नातकोत्तर छात्रों के नैदानिक कौशल को बढ़ाने के लिए किया गया था।
डॉक्टर सिंघल ने बताया कि फैकल्टी को ओएससीई आधारित प्रश्न पत्र और कौशल स्टेशनों की तैयारी के लिए संवेदनशील बनाया गया। उन्होंने बताया कि डॉ सचदेवा, रजिस्ट्रार हरियाणा मेडिकल काउंसिल, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे।
डॉ सुशीला तक्षक ने बताया कि कार्यक्रम की अध्यक्षता एनेस्थीसिया विभाग के प्रमुख डॉ एसके सिंघल और पीजीआईएमएस के निदेशक ने की।
गौरतलब है कि डॉ सुशीला तक्षक, वरिष्ठ प्रोफेसर एनेस्थीसिया, कार्यक्रम की आयोजन सचिव थीं, जबकि डॉ मोनिका छिक्कारा कार्यक्रम की नोडल अधिकारी थीं।
डीन पीजीआईएमएस डॉ कुलदीप लालर और रजिस्ट्रार एचएमसी ने भी कार्यक्रम की सराहना की। कार्यक्रम में डॉ राजमाला, डॉ अन्जू घई, डॉ कीर्ति, डॉ प्रशांत, डॉ संजय जोहर और एनेस्थीसिया विभाग के पूरे फैकल्टी ने भाग लिया।