Thursday, January 30, 2025
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IIT Delhi : आईआईटी दिल्ली में बदलने जा रहा है BTech-MTech का सिलेबस, जानें क्या होंगे बदलाव?

IIT Delhi : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान यानी आईआईटी दिल्ली बीटेक, एमटेक और पीएचडी प्रोग्राम में शैक्षणिक सेशन 2025-26 से नया सिलेबस लागू करने की तैयारी में है। आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रो. रंगन बनर्जी का कहना है कि आने वाले सत्र में दाखिला लेने वाले छात्र नए सिलेबस के तहत पढ़ाई करेंगे।

आईआईटी दिल्ली के 67वें स्थापना दिवस के मौके पर सोमवार को संस्थान के निदेशक प्रो. रंगन बनर्जी ने एक सवाल के जवाब में ये जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नया सिलेबस अंतिम दौर में है।

‘छात्र नए सिलेबस के अनुसार करेंगे पढ़ाई’

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अधिकांश बिंदुओं को आईआईटी का सिलेबस पूरा करता है। मैं यह कह सकता हूं सत्र 2025-26 में छात्र नए सिलेबस के अनुसार पढ़ाई करेंगे। इसमें सस्टेनबिलिटी पर आधारित कुछ बातें नहीं थीं, जिन्हें शामिल किया गया है।

उन्होंने बताया कि बीटेक और एमटेक के पहले वर्ष में सस्टेनेबिलिटी, पर्यावरण फ्रेंडली, ग्रीन एनर्जी, एआई, मशीन लर्निंग, डाटा साइंस, स्टार्टअप जैसे कि नए सब्जेक्ट हो जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि आईआईटी फ्यूचर स्नातक के साथ फ्यूचर सिटीजन भी तैयार करेगा। नया पाठ्यक्रम टेक्नोलॉजी और उद्योगी की मांग पर आधारित होगा।

उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आज के समय की एक प्रमुख तकनीक बन चुकी है। इसके अध्ययन से छात्रों को डेटा साइंस, मशीन लर्निंग और स्मार्ट सिस्टम के बारे में गहरी समझ मिलेगी।

IIT Delhi अनुसंधान और स्टार्टअप्स में भी वृद्धि

उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में 147 स्टार्टअप तैयार किए गए हैं। उन्होंने ये भी कहा कि इन स्टार्टअप्स के माध्यम से छात्रों को व्यावसायिक दुनिया से जुड़ने और अपने विचारों को व्यवसाय में बदलने का मौका मिलता है। इसके अलावा, आईआईटी दिल्ली के शोध कार्यों ने भी कई वैश्विक समस्याओं का समाधान खोजने में मदद की है, जो समाज के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकती हैं।

IIT Delhi इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार

प्रो. रंगन बनर्जी ने कहा कि संस्थान में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए हेफा से 645 करोड़ का लोन लिया गया है। रिसर्च इम्पैक्ट रिपोर्ट में विभिन्न क्षेत्रों में अनुसंधान और नवाचार की उपलब्धियों को शामिल किया गया है। इनमें प्रमुख स्टार्टअप्स, प्रौद्योगिकियों का विकास और उद्योगों को स्थानांतरित करना, उच्च प्रभाव वाले शोध, अंतरराष्ट्रीय सहयोग, और समाजोपयोगी अनुसंधान परियोजनाएं शामिल हैं।

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