चंडीगढ़: बुधवार को हरियाणा यूनिवर्सिटीज कॉन्ट्रैक्टचुअल टीचर्स एसोसिएशन ने हरियाणा सचिवालय में प्रदेश के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा से मुलाकात की। एसोसिएशन ने शिक्षा मंत्री से मुलाकात कर सीएम नायाब सिंह सैनी और बीजेपी सरकार द्वारा किये गए अपने वायदों को पूरा करवाने के लिए उन्हें ज्ञापन सौंपा।
इस मौके पर हरियाणा यूनिवर्सिटीज कॉन्ट्रैक्टचुअल टीचर्स एसोसिएशन से शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने कहा कि कॉलेज के एक्सटेंशन लेक्चरर की तरह आप यूनिवर्सिटी के लगभग 1500 अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसरों को सेवा सुरक्षा नियमानुसार कार्यवाही कर देने पर पूरा जोरों शोरों से काम चल रहा है।
उन्होंने आश्वासन दिया है कि नौकरी सुरक्षित होने तक आप किसी भी अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी हमारी सरकार नहीं जाने देगी।
अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसरों को भी रोजगार की सुरक्षा की गारंटी देने का वादा
मंत्री महिपाल ढांडा ने कहा कि विधानसभा के शीतकालीन सत्र में मुख्यमंत्री ने कहा था कि वैधानिक प्राधिकरण के अंतर्गत विश्वविद्यालयों में लंबे समय से काम कर रहे करीब 1500 अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसरों को भी रोजगार की सुरक्षा की गारंटी दी जाएगी।
तो वहीं, प्रदेशाध्यक्ष विजय मलिक ने सीएम नायब सिंह सैनी और शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने विधानसभा के शीतकालीन सत्र में विश्वविद्यालयों के अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसरों से भी ये रोजगार सेवा गारंटी प्रदान करने का वायदा किया। इसी वायदे को जल्द पूरा करवाने के लिए संगठन प्रदेश के सभी मंत्रियों, विधायकों और उच्च अधिकारियों से मुलाकात कर रहे हैं।
प्रदेशाध्यक्ष विजय मलिक और लीगल सलाहकार सन्दीप यादव ने बयान देते हुए कहा कि हमारा चयन विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा निर्धारित सभी पात्रता शर्तों और चयन प्रक्रिया के मापदंड जैसे विज्ञापन और गठित चयन समिति द्वारा साक्षात्कार इत्यादि को पूर्ण करके विधि सम्मत ही किया गया है। हम में से ही बहुत से अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसर लंबे समय से नियमित होने तक सेवा सुरक्षा की प्रतीक्षा करते हुए भर्ती में अपने आवेदन करने की आयु सीमा को भी पार चुके हैं।
विश्वविद्यालयों से संबंधित महाविद्यालयों में कार्यरत एक्सटेंशन लेक्चरर व विद्यालयों के गेस्ट टीचर को मौजूदा सरकार सेवा सुरक्षा पहले ही दे चुकी है केवल विश्वविद्यालयों के अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसरों ही इस सेवा सुरक्षा से वंचित हैं।