रोहतक : दैनिक यात्रियों का इलेक्ट्रिक बस में सफर करने का सपना अभी भी अधूरा ही पड़ा हुआ है। जबकि रोडवेज डिपों की तरफ से सभी प्रक्रियाएं पूर्ण करने के बाद भी डिपों को बसें न मिलने से यह समस्या आ रही है। पांच बसें चलाने के लिए बिजली क्नेकशन से लेकर अन्य सुविधाएं तक पूर्ण कर ली गई। बसों के रूट तक तय कर दिए गए। लेकिन डिपों को अभी भी बसों का इंतजार है। यह वहीं बसें है जिनकों लोकल रूटों से लेकर लंबे रूटों पर चलाया जाना है। मुख्यालय सर्वे तक पूरा कर चुका है।
पांच इलेक्ट्रिक बसों के लिए सिर्फ एक चार्जिंग प्वाइंट डिपों में लगाया जाना है। एक बस फुल चार्ज होने पर 4 से 5 घंटे का समय लेती है। पूरी तरह से चार्ज होने पर बस 200 किलोमीटर का सफर तय कर सकती है। चार्जिंग पॉइंट स्टेशन के लिए सभी लाइन अंडरग्राउंड बिछा दी गई है। बसों के ऑपरेशनल स्टॉफ के लिए दो रूम बस स्टैंड पर तो दो रूम वर्कशॉप के अंदर निर्धारित किए गए हैं। जल्द ही पांच नई इलेक्ट्रिक बसें भी बस स्टैंड पर भेज दी जाएगी। लेकिन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि एक बस ग्रामीण रूट पर भी चलाई जा सकती है। लेकिन किस रूट पर यह बस चलाई जानी है इसके लिए ग्रामीण रूट निर्धारित नहीं किया गया है।
दो बसों के हो चुके है रूट तय
फिलहाल ट्रायल के लिए दो इलेक्ट्रिक बसों के रूट तय कर दिए गए हैं। पहली बस का रूट, न्यू बस स्टैंड से शीला बाइपास, जाट भवन, दिल्ली बाईपास, एमडीयू विश्वविद्यालय, नेकीराम कॉलेज, मेडिकल मोड होते हुए पीजीआईएमएस रहेगा। इसी तरह दूसरी बस का रूट सुखपुरा चौक से टीबी अस्पताल, गोहाना अड्डा, सिविल अस्पताल, आकाशवाणी, महिला कॉलेज, सोनीपत स्टैंड, अशोका चौक, डी-पार्क, मेडिकल मोड से पीजीआई का होगा। इसके अलावा तीन बसों के रूट ट्रायल के बाद तय किए जाएंगें। रूट पर यात्रियों की संख्या व बसों की मांग के हिसाब से तीन बसों का संचालन निर्भर करेगा।
ग्रामीण रूट पर चल सकती है एक बस
विभाग के अधिकारियों का कहना है कि एक बस ग्रामीण रूट पर भी चलाई जा सकती है। लेकिन, रूट निर्धारित नहीं किया गया है। चार्जिंग पॉइंट स्टेशन के लिए बस स्टैंड स्थित पुलिस चौकी के पास 163 पेड़ों को भी काटा जा चुका है। फिलहाल तकनीकी समस्या के चलते यह प्रक्रिया रुकी है। अन्य प्रक्रिया बस स्टैंड के लिए जारी है।
अन्य इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए नहीं है चार्जिंग पॉइंट
इलेक्ट्रिक वाहनों की बात की जाए तो शहर में 20 हजार से ज्यादा दोपहिया वाहन अलग-अलग कंपनियों के दौड़ रहे हैं। लेकिन, शहर के अंदर उनके चार्जिंग के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। दोपहिया वाहन मालिक अपने घरों पर ही चार्ज करते हैं।
निजी कंपनी के साथ एग्रीमेंट पूरा हो चुका है। अभी आचार संहिता लगने की वजह से बसें डिपो में नहीं आई हैं। चुनाव समाप्त होने के तुरंत बाद बसें डिपो में पहुंच जाएंगी। सुरेंद्र सिवाच, वर्कशॉप मैनेजर, रोडवेज डिपो